नकली दवाइयों के सिंडिकेट पर उत्तराखण्ड एसटीएफ का करारा वार

नकली दवाइयों के सिंडिकेट पर उत्तराखण्ड एसटीएफ का करारा वार
– पति-पत्नी सहित 12 आरोपी अब तक गिरफ्त में

देहरादून, 05 सितंबर 2025। (उत्तराखंड बोल रहा है)
उत्तराखण्ड एसटीएफ ने नकली दवाइयों के बड़े सिंडिकेट की जड़ें हिलाकर रख दी हैं। प्रतिष्ठित दवा कंपनियों की जीवनरक्षक दवाइयों की हूबहू नकल कर बाज़ार में सप्लाई करने वाले इस गिरोह का अब तक 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। नवीनतम कार्रवाई में एसटीएफ ने पंजाब के जिरकपुर से पति-पत्नी प्रदीप कुमार और श्रुति डावर को दबोच लिया।

कैसे बनती थीं नकली दवाइयां?

जांच में सामने आया कि आरोपी प्रदीप कुमार और उसके साथियों ने पूरे नेटवर्क के साथ नकली दवाइयों का कारोबार फैला रखा था।

फर्जी पैकेजिंग और रैपर: नकली आउटर बॉक्स और लेबल देहरादून के सेलाकुई से तैयार कराए जाते थे।

फॉयल प्रिंटिंग: हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित एक फर्म से ब्रांडेड कंपनियों जैसी प्रिंटिंग फॉयल बनवाई जाती थी।

पैकिंग मशीनें: दवाइयों की पैकिंग आशियाना ग्रीन, भिवाड़ी (राजस्थान) स्थित फ्लैट में लगाई गई मशीनों से होती थी।

सप्लाई नेटवर्क: पंचकुला से चलने वाली एक एम्बुलेंस तक का इस्तेमाल दवाइयां राज्यों में सप्लाई करने के लिए किया जाता था।

मेडिकल स्टोर कनेक्शन: प्रदीप कुमार का AP मेडिकोज नाम से पानीपत में मेडिकल स्टोर था, वहीं पहले वह देहरादून के वेलमेड हॉस्पिटल में केयर पॉइंट मेडिकल स्टोर भी पार्टनरशिप में चला चुका था।


खतरनाक खुलासे

एसटीएफ की जांच में यह भी पता चला है कि—

आरोपी प्रदीप कुमार 2021 में कोरोना काल के दौरान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में पानीपत पुलिस द्वारा जेल भेजा जा चुका है।

उसकी फर्जी फर्म साईं फार्मा के बैंक खाते में पिछले 2 वर्षों में 14 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।

उत्तराखण्ड सहित छह राज्यों में नकली दवाइयों की सप्लाई के साक्ष्य मिले हैं।


गिरफ्तार आरोपियों की सूची

इस प्रकरण में अब तक कुल 12 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। इनमें से कई दवा कंपनियों के मालिक और प्लॉट हेड भी शामिल हैं।

संतोष कुमार

नवीन बसल

आदित्य काला

देवी दयाल गुप्ता

पंकज शर्मा

विजय कुमार पाण्डेय

प्रदीप गौड़

शिशिर सिंह

शैलेन्द्र सिंह

तेजेन्द्र कौर

नवीनतम गिरफ्तारी: प्रदीप कुमार और उसकी पत्नी श्रुति डावर (जिरकपुर, पंजाब से)।


एसटीएफ की कार्रवाई और निर्देश

एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि नकली दवाइयों के नेटवर्क का पर्दाफाश करना बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि ये जीवनरक्षक दवाइयों की नकल कर सीधे आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे थे। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने इस पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

एसटीएफ का दावा है कि गिरोह की कुंडली खंगालने और उनके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए आगे भी बड़े स्तर पर छापेमारी और गिरफ्तारियां की जाएंगी।

गिरफ्तार आरोपी

प्रदीप कुमार पुत्र हंसराज, निवासी पानीपत (वर्तमान में जिरकपुर, पंजाब)।

श्रीमती श्रुति डावर पत्नी प्रदीप कुमार, निवासी पानीपत (वर्तमान में जिरकपुर, पंजाब)।


निष्कर्ष:
यह गिरोह सिर्फ आम जनता के स्वास्थ्य के साथ ही नहीं बल्कि करोड़ों रुपये के राजस्व की भी चोरी कर रहा था। उत्तराखण्ड एसटीएफ की कार्रवाई से दवा उद्योग में नकली दवाइयों का बड़ा रैकेट उजागर हुआ है और माना जा रहा है कि आगे भी कई बड़े खुलासे होने बाकी हैं।