पेपर लीक/फंडिंग मामले में कोचिंग सेंटर संचालकों की क्यों नहीं हो रही जांच – मोर्चा
विकासनगर (उत्तराखंड बोल रहा है)– जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता कर प्रदेश में हुए पेपर लीक व बेरोजगार आंदोलन में फंडिंग प्रकरण पर गंभीर सवाल खड़े किए।
नेगी ने कहा कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं के बावजूद पेपर लीक होना यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं किसी गुट या कोचिंग सेंटर की मिलीभगत हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले की जांच में अब तक कोचिंग सेंटर संचालकों की भूमिका की पड़ताल क्यों नहीं की गई।

मोर्चा अध्यक्ष ने याद दिलाया कि पूर्व में जनपद देहरादून के तत्कालीन एसएसपी दिलीप कुंवर भी बेरोजगार आंदोलन के दौरान हुई पत्थरबाजी व फंडिंग की बात स्वीकार चुके हैं। ऐसे में यह शक और गहरा हो जाता है कि कहीं न कहीं कोचिंग सेंटर्स के जरिए फंडिंग कराई गई हो।
उन्होंने सवाल उठाया कि –
आखिर कोचिंग सेंटर्स का बेरोजगारों के आंदोलनों से क्या लेना-देना?
फंडिंग के पीछे इनकी मंशा क्या थी?
क्यों सरकार और पुलिस महानिदेशक इस दिशा में जांच के आदेश नहीं देते?
नेगी ने चेतावनी दी कि यदि फंडिंग की इस कड़ी की जांच नहीं हुई तो प्रदेश को अराजकता की ओर धकेलने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि दिन-रात मेहनत करने वाले युवा बार-बार पेपर लीक और धोखाधड़ी की भेंट चढ़ रहे हैं, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है।

मोर्चा ने सरकार से पेपर लीक और बेरोजगार आंदोलन फंडिंग दोनों मामलों में कोचिंग सेंटर संचालकों व फंडिंग बाजों की भूमिका की गहन जांच कराने की मांग की।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।
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