मुख्यमंत्री के विजन “ड्रग्स फ्री देवभूमि” को साकार करने की दिशा में जिला प्रशासन का महाअभियान
नशा बेचने और फार्मा पदार्थों में मिलावट करने वालों पर ऑन-द-स्पॉट संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा
देहरादून, 09 अक्टूबर 2025 ( उत्तराखंड बोल रहा है.)।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन “ड्रग्स फ्री देवभूमि” को साकार करने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में आज ऋषिपर्णा सभागार में जिला स्तरीय नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की गई।

बैठक में डीएम सविन बंसल ने कहा कि राजधानी देहरादून में नशा तस्करों और मिलावटखोरों के लिए कोई जगह नहीं है। नशा बेचने, मादक पदार्थों की मिलावट या अवैध भंडारण में संलिप्त पाए जाने वालों पर ऑन द स्पॉट संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
मुख्य निर्णय एवं कार्य योजना:
6,000 ड्रग्स टेस्टिंग किट खरीदी गईं, जिनका उपयोग जनपद के उच्च शिक्षण संस्थानों में मास लेवल टेस्टिंग के लिए किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग को मौके पर ही फंड स्वीकृत किया गया ताकि टेस्टिंग प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो सके।
एंटी-ड्रग्स समितियों को सीधे एसटीएफ से जोड़ा गया, ताकि ड्रग्स गतिविधियों की तुरंत सूचना और कार्रवाई संभव हो।
जिला स्तर पर पब्लिक हेल्पलाइन नंबर और डेडिकेटेड सेल की स्थापना की जा रही है।
सभी मेडिकल स्टोरों और दवा फैक्ट्रियों का निरंतर निरीक्षण करने तथा सीसीटीवी अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश।
विद्यालयों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रमों के साथ मौके पर ड्रग्स टेस्टिंग कराई जाएगी।
जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को रायवाला ओल्ड एज होम को शीघ्र नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी नशा मुक्ति केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण करने तथा स्थानीय पुलिस और राजस्व विभाग से गतिविधियों की रिपोर्ट नियमित रूप से प्राप्त करने के निर्देश दिए।
डीएम बंसल ने कहा कि मादक पदार्थों की डिमांड और सप्लाई चेन को तोड़ना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए एएनटीएफ, एसटीएफ, पुलिस, एनसीबी और औषधि नियंत्रक विभाग को मिलकर समन्वित कार्रवाई करने को कहा गया है।
साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि विद्यालयों के आसपास और संभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं तथा बैनर और पोस्टर के माध्यम से मानस हेल्पलाइन नंबर 1933 और एनसीवी मानस पोर्टल का व्यापक प्रचार किया जाए। हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों पर तत्काल एक्शन सुनिश्चित किया जाएगा।
डीएम ने यह भी कहा कि ग्रामीण स्तर पर आशा वर्कर, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के माध्यम से गांव-गांव में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि समाज के हर वर्ग को इस मुहिम से जोड़ा जा सके।
बैठक में उपस्थित अधिकारीगण:
डीएफओ मयंक गर्ग, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय भारत सिंह, एसडीएम सदर हरिगिरी, एसडीएम स्मृता परमार, एसडीएम अपर्णा ढौडियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार शर्मा, जिला आबकारी अधिकारी वीरेन्द्र कुमार जोशी, समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, ड्रग इंस्पेक्टर विनोद जगूड़ी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती, तहसीलदार कालसी सुशीला कोठियाल सहित
