सीएमओ के आदेश की अवहेलना! 3 महीने बाद भी नहीं दिए आंकड़े मोर्चा
प्राइवेट अस्पताल आईसीयू/वेंटिलेटर का आंकड़ा बताने से क्यों भयभीत?
मोर्चा ने खोला मोर्चा, कार्रवाई की उठी मांग
विकासनगर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आईसीयू और वेंटिलेटर बेड की उपलब्धता से जुड़े आंकड़े साझा करने से अस्पताल लगातार बच रहे हैं, जबकि सीएमओ के स्पष्ट आदेश मौजूद हैं।

नेगी ने आरोप लगाया कि देहरादून स्थित ग्राफिक एरा हॉस्पिटल, हिमालयन हॉस्पिटल, श्री महंत इंद्रेश अस्पताल और राजकीय दून मेडिकल कॉलेज बाह्य रोगियों—खासकर आयुष्मान कार्डधारकों और निजी खर्च पर इलाज कराने वाले गरीब मरीजों—को आपात स्थिति में आईसीयू/वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध कराने में लापरवाही बरत रहे हैं।
सवाल यह भी उठ रहा है कि बिना “सिफारिश” के गंभीर मरीजों को उपचार उपलब्ध क्यों नहीं कराया जा रहा? आर्थिक रूप से कमजोर मरीज मजबूरी में अस्पतालों के चक्कर काटते रहते हैं, जबकि अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।
सीएमओ के आदेश की अवहेलना! 3 महीने बाद भी नहीं दिए आंकड़े

जन संघर्ष मोर्चा ने इस गंभीर मामले में सीएमओ, देहरादून से चारों अस्पतालों में उपलब्ध कुल बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या का विवरण मांगा था।
इसके बाद 25 अगस्त 2025 को सीएमओ कार्यालय ने सभी संबंधित अस्पतालों को पत्र जारी किया, परंतु:
3 महीने बीत गए, कोई भी अस्पताल जानकारी देने आगे नहीं आया।
विभाग द्वारा 11 नवंबर को अनुस्मारक-प्रथम भी भेजा गया, फिर भी अस्पतालों ने आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए।
इस चुप्पी ने संदेह को और गहरा कर दिया है—आखिर अस्पताल आंकड़ा देने से क्यों कतरा रहे हैं?
क्या कहीं गलत आंकड़े दिखाकर मान्यता तो हासिल नहीं की गई?
क्या मरीजों की सुविधाओं पर पर्दा डाला जा रहा है?
मोर्चा बोले—मनमानी नहीं होने देंगे, होगा बड़ा आंदोलन
नेगी ने साफ कहा कि प्राइवेट अस्पतालों की यह गैर-जिम्मेदारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मरीजों का जीवन किसी “सिफारिश” या “प्रभाव” का मोहताज नहीं हो सकता।
मोर्चा अस्पतालों की मनमानी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा और जरूरत पड़ने पर बड़ा आंदोलन भी छेड़ेगा।
अंत में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा—
“मरीजों के अधिकारों से खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों पर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। मोर्चा न्याय दिलाने तक पीछे नहीं हटेगा।”
