Supreme Court ने झारखंड (Jharkhand) मुक्ति मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (hemant soren) की अंतरिम जमानत याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है साथ ही उन्हें फटकार भी लगाई है। वहीं, फटकार के बाद हेमंत सोरेन के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका वापस ले ली।
अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मामले में आरोपपत्र का संज्ञान लिया है।
इससे एक दिन पहले 21 मई को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी सोरेन की अंतरिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सवाल किया था कि अगर ट्रायल कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेकर जमानत को खारिज कर दिया है तो क्या गिरफ्तारी की वैधता का परीक्षण हो सकता है? कोर्ट ने पूछा था कि नियमित जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उन्हें कैसे अंतरिम जमानत दी जा सकती है।