डा. देवेंद्र सिंह मान ने दिया वित्तविहीन शिक्षकों का मानदेय

श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज सहसपुर में वर्ष 2014 तक पिछले 60 वर्षों से इंटरमीडिएट स्तर पर केवल कला वर्ग की कक्षाएं संचालित हुआ करती थीं। क्षेत्र के निर्धन ग्रामीण छात्र-छात्राओं को या तो दूरस्थ विद्यालय जाना पड़ता था। विज्ञान, कृषि, वाणिज्य वर्ग की पढ़ाई के लिए अथवाओं बाध्य होकर इंटरमीडिएट स्तर पर कला वर्ग के विषय लेकर पढ़ाई करनी पड़ती थी। जिनके कारण छात्र डाक्टर, इन्जीनियर नहीं बन सकते थे। परंतु 1 अप्रैल 2014 को जैसे ही वर्तमान प्रधानाचार्य डॉ. रवीन्द्र कुमार सैनी ने प्रधानाचार्य के रूप में कार्यभार सँभाला तो उन्होंने इंटरमीडिएट स्तर पर कला वर्ग के अलावा विज्ञान वर्ग, कृषि वर्ग तथा वाणिज्य वर्ग की मान्यता के लिए प्रयास प्रारंभ किया जो सफल भी हुआ। परंतु शासन के द्वारा तीनों की वित्तविहीन मान्यता प्रदान की गई। परंतु प्रधानाचार्य डॉ. सैनी ने तीनों वर्ग की कक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित करवाया परंतु शिक्षकों के वेतन की समस्या सामने खड़ी थी। ऐसी स्थिति में डॉ. सैनी ने समाज के बड़े लोगों से संपर्क किया। कई वर्षों तक हिमालय ड्रग्स कंपनी के चेयरमैन डॉ. फारूक ने पांच शिक्षकों का मानदेय दिया। परंतु कारण अज्ञात कारणों से उनकी तरफ से मानदेय बंद कर दिया गया। एक बार फिर समस्या बड़ी सामने खड़ी हुई। परंतु प्रधानाचार्य डॉ. सैनी ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने दून इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन डॉ. देवेंद्र सिंह मान से संपर्क किया तथा उनसे अनुरोध किया कि चार शिक्षकों का मानदेय देकर विद्यालय की सहायता करें। डॉ. मान ने प्रधानाचार्य डा. सैनी के अनुरोध को तुरंत स्वीकार किया और 1 सितंबर 2024 से 4 शिक्षकों का मानदेय देना प्रारंभ कर दिया है। कल 6 सितंबर को उन्होंने चारों शिक्षकों का मानदेय विद्यालय के अकाउंट में भेज दिया है तथा वायदा किया है कि वह इस मानदेय को भविष्य में भी जारी रखेंगे ।एक शिक्षक का मानदेय पहले से ही पूर्व राज्यसभा सांसद, इंडियन पब्लिक स्कूल के चेयरमैन डॉ. आर.के. सिन्हा के द्वारा दिया जा रहा है। 7 अगस्त 2024 को डॉ. सैनी ने प्रसिद्ध उद्योगपति एवँ लोकसभा साँसद नवीन जिंदल तथा इंफोसिस की अध्यक्ष एवं राज्यसभा की साँसद डॉ. सुधा मूर्ति से संपर्क कर वित्त विहीन शिक्षकों के मानदेय देने के लिए विनम्र अनुरोध किया । इस प्रकार डॉ. सैनी के द्वारा समाज सेवियों की सहायता से वित्त विहीन कक्षाएं चलाई जा रही हैं तथा इंटरमीडिएट स्तर का बोर्ड परीक्षा परिणाम 100% तक रहा है जो अपने आप में अभूतगुरू है । विद्यालय के प्रबंधतंत्र ने तथा मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार रावत ने डॉ. सैनी के इस प्रयास की सराहना की है तथा शिक्षा जगत में इसे एक आदर्श उदाहरण बताया है। डा.सैनी ने कहा कि यद्यपि वे सेवानिवृत्त होने वाले हैं परंतु विद्यालय तथा शिक्षक हित मे अपने प्रयास जारी रखेंगे।