आखिर हरिद्वार में क्यों हुआ सांसद त्रिवेंद्र रावत का विरोध, जाने पूरी खबर

जनता का गुस्सा उफान पर, जगह जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन

हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत इन दिनों अपनी ही जनता के गुस्से का सामना कर रहे हैं। हाल ही में हरिद्वार के विभिन्न इलाकों बेलड़ा गांव, इंद्रा बस्ती, इमलीखेड़ा और अन्य क्षेत्रों में स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सांसद के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की लगातार अनुपस्थिति के कारण क्षेत्र में समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।

सोशल मीडिया पर भी विरोध की लहर

हरिद्वार में त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ केवल धरातल पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी विरोध की लहर देखने को मिल रही है। ट्विटर पर Dhruv Rathi Satire नामक बड़े अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमें स्थानीय लोग प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में यह कहा जा रहा है कि “हमारे लापता सांसद को ढूंढकर लाने वाले व्यक्ति को दस हज़ार रुपए का इनाम दिया जाएगा।” यह वीडियो वायरल हो गया है और इसे लेकर स्थानीय लोगों में और भी आक्रोश बढ़ गया है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत का यह रवैया मुख्यमंत्री रहते हुए भी बहुत स्पष्ट रूप से देखा गया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे न केवल जनता की समस्याओं को सुनने से बचते थे, बल्कि कई बार अपनी ही पार्टी के विधायकों को भी समय नहीं दिया करते थे। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में विकास कार्यों की गति धीमी पड़ी और पार्टी के अंदर असंतोष भी फैलने लगा।

समस्याओं के समाधान की कमी

यह विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि लोग त्रिवेंद्र सिंह रावत से निराश हो चुके हैं। सांसद बनने के बाद भी उनकी क्षेत्र में अनुपस्थिति और जनता से दूरी ने स्थानीय लोगों को पूरी तरह से असंतुष्ट कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जब भी वे अपनी समस्याओं को लेकर सांसद के पास पहुंचते हैं, तो या तो उन्हें मिलने का समय नहीं मिलता या फिर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता।

अगर यह विरोध जारी रहता है और बढ़ता है, तो यह न केवल त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए, बल्कि भाजपा के लिए भी एक गंभीर संकेत हो सकता है। एक जनप्रतिनिधि के तौर पर सांसद का मुख्य काम जनता से जुड़ना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है, लेकिन जब यह जिम्मेदारी निभाई नहीं जाती, तो जनता का गुस्सा उठना स्वाभाविक है। आगामी चुनावों में इसका असर पड़ सकता है, खासकर अगर स्थानीय लोगों का यह विरोध और भी तीव्र हो जाए।

कुल मिलाकर, हरिद्वार में त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ बढ़ता विरोध यह दर्शाता है कि जनता के बीच उनका विश्वास टूट चुका है। अगर उन्होंने जल्द ही अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं किया, तो यह उनकी राजनीतिक स्थिति को और कमजोर कर सकता है।