प्राइवेट स्कूलों में चल रही मनमानी के विरोध में
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है एवं छात्र हितों के विषयों को लेकर हमेशा सजग रहा है। विकासनगर में लबे समय से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी एक महत्वपूर्ण विषय है जो की पुरे समाज को प्रभावित कर रही है। संचालित प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के कारण सम्पूर्ण विकासनगर देहरादून के साथ-साथ पुरे उत्तराखंड से आये पहाडी क्षेत्रो से अध्यन कर रहे विद्यार्थियों एवं अभिभावको का जीवन आर्थिक और मानसिक रूप से प्रभावित हो रहा जिस कारण सामान्य विद्यार्थियों की पढाई प्रभावित हो रही है।
अच्छी शिक्षा का समान अधिकार सभी को मिले इसकी नैतिक जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की है जिससे सभी का भरोसा प्रशासन पर बना रहे।
अतः महोदय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् निम्न विषयों की मांग करती है
1 : प्राइवेट स्कूलों की प्रत्येक वर्ष अत्यधिक फीस वृद्धि न हो एवं मानक तय हो
2: R.T.E. के छात्रों के साथ भेदभाव न हो
3: N.C.E.R.T. के अनुरूप पुस्तकों के अलावा प्राइवेट पब्लिकेशन की पुस्तकों पर नियंत्रण
4 : जबरदस्ती फेल कर रि-टेस्ट के नाम पर फीस वसूली न हो
5: प्राइवेट विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रमों के नाम पर धन संग्रह न हो.
6 : एक ही पुस्तक भंडार से पुस्तके और कॉपी खरीदने के लिए मज़बूरी ना किया जाये, किसी भी बुक सेलर से खरीद सके l
- स्कूल ड्रेस भी किसी एक निश्चित दुकान से क्रय करने के लिए मज़बूर ना किया जाये l
यदि जल्द से जल्द इन बिन्दुओ पर कार्यवाही नहीं की गई तो अभाविप उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शाशन प्रशासन की होगी l
ज्ञापन देने वालों में विभाग संयोजक आशीष बिष्ट, जिला संयोजक पलक खन्ना, विकी ठाकुर, प्रवीण सुमाण, राहुल विद्वान, करिश्मा,प्रियांशी, राकेश, मानसी आदि कार्यकर्ता शामिल रहें l