दिव्या पांडेय। भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का पर्व इस वर्ष 11 अगस्त को मनाएं या 12 अगस्त को। इस बात को लेकर इस बार कई मतभेद बने हुए हैं। कुछ का मानना है कि 11 अगस्त 2022 को भद्रा काल होने के कारण राखी का त्योहार 12 अगस्त 2022 को शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा तो वहीं कुछ का कहना है कि 11 अगस्त को ही ये पर्व मनाना चाहिए।
इस बात को लेकर क्या कहते हैं पंडित जी यहां जानें
पं. शंकर दत्त शास्त्री का कहना है कि 11 अगस्त 2022 को 10 बजकर 37 मिनट के बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी जो 12 अगस्त को सुबह 7 बजे के करीब खत्म होगी। इस बार 11 अगस्त को भद्रा भी है। जिसे लेकर लोगों में संशय है। उन्होंने बताया कि जब भद्रा पाताल में होती है तो इस दौरान राखी बांधी जा सकती है। ऐसा करना नुकसानदायक नहीं बल्कि शुभ फलदायी माना जाता है।
कई कहानियां है प्रचलित
इस त्यौहार को लेकर अलग-अलग कहानियां प्रचलित है। एक कहानी के अनुसार, शिशुपाल के वध के समय जब सुदर्शन चक्र से भगवान श्री कृष्ण की उंगली कट गई थी तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का आंचल फाड़कर श्रीकृष्ण की अंगुली पर बाँधा था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया था कि समय आने पर वह आंचल के एक-एक सूत का कर्ज उतारेंगे। द्रौपदी के चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने इसी वचन को निभाया। आपको बता दें कि इस बार रक्षाबंधन वाले दिन भद्राकाल नहीं है यानी इस दिन बहनें पूरे दिन भाइयों को राखी बाँध सकती हैं।
आइए जानते हैं रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त और राखी बाँधने का रक्षा मंत्र
शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक
शुभ समय – 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
अमृत काल – शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक
राहुकाल-11 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 8 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक
भद्रा काल की समाप्ति- रात 08 बजकर 51 मिनट पर
भद्रा पूंछ- 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
भद्रा मुख – शाम को 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक