क्लस्टर योजना छात्रों-अभिभावकों पर बनी बोझ, बिना संसाधनों के जारी किया गया तुगलकी फरमान : जन संघर्ष मोर्चा

विकासनगर।
शिक्षा विभाग की नई क्लस्टर योजना को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने सरकार और शिक्षा विभाग पर तीखा हमला बोला है। मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि विभाग ने बिना ज़मीनी तैयारी किए आनन-फानन में क्लस्टर योजना लागू कर दी है, जिससे छात्रों व अभिभावकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

नेगी ने कहा कि विभाग ने लगभग 559 इंटर कॉलेजों को क्लस्टर विद्यालय घोषित करते हुए 2500 से अधिक स्कूलों को इसमें मर्ज कर दिया है, लेकिन इन क्लस्टर विद्यालयों में बुनियादी संसाधन जैसे शिक्षकों की संख्या, कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, शौचालय आदि का अभाव है। इससे योजना पूरी तरह अव्यवहारिक बनकर रह गई है।

छात्रों को 5 से 15 किलोमीटर दूर जाना होगा
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर छात्रों को उनके मूल विद्यालयों से हटाकर 5, 10 या 15 किलोमीटर दूर स्थित क्लस्टर विद्यालयों में कैसे भेजा जा सकता है, जबकि उनमें न तो यातायात की सुविधा है और न ही पर्याप्त संसाधन? जिन स्कूलों में पहले से 150-200 छात्र अध्ययनरत हैं, उन्हें मर्ज कर देना छात्रों की शिक्षा के साथ अन्याय है।

बिना भौतिक सत्यापन बनी रिपोर्ट
नेगी ने आरोप लगाया कि खंड स्तर के अधिकारियों ने बिना किसी भौतिक सत्यापन व छात्र संख्या की सही जानकारी दिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी, जिसके आधार पर यह तुगलकी आदेश पारित हुआ। उन्होंने कहा कि विभागीय मंत्री की ओर से भी इस योजना की निगरानी नहीं की जा रही है, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक बन गई है।

मोर्चा जल्द उठाएगा शासन स्तर पर मामला
रघुनाथ सिंह नेगी ने चेतावनी दी कि जब तक विभाग क्लस्टर विद्यालयों को संसाधनों से लैस नहीं करता, तब तक यह योजना छात्रों और अभिभावकों के लिए “जी का जंजाल” बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि जन संघर्ष मोर्चा जल्द ही इस मुद्दे को शासन के समक्ष गंभीरता से उठाएगा।

पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व प्रवीण शर्मा पिन्नी भी मौजूद रहे।