देहरादून/कालसी – उत्तराखंड के देहरादून जनपद में वन्यजीवों के शिकार का एक गंभीर मामला सामने आया है। बीते बुधवार शाम 7:20 बजे आरक्षित वन क्षेत्र चांदपुर क०सं०-5 (चोरखाला) से दो आरोपियों को वन विभाग की टीम ने हिरासत में लिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में निक्का पुत्र राजकुमार, निवासी बंगाली बस्ती, चोरखाला, थाना सहसपुर, देहरादून तथा वाजिद पुत्र बॉबीनाथ, निवासी ग्राम घिस्सुपुरा, सपेरा बस्ती, थाना पथरी, हरिद्वार शामिल हैं। दोनों के कब्जे से दो गंभीर रूप से घायल गोह (मॉनिटर लिजार्ड) तथा एक मृत मोर बरामद किया गया।
वन विभाग द्वारा राजस्थान संख्या 22/चौ0/2025-26 के तहत आधारभूत संरचना अधिनियम की सुसंगत धाराओं में प्रमाण पत्र दर्ज कर तीन देशों के बीच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

गौरतलब है कि मोर भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 के भाग-II (पक्षी) के अंतर्गत और गोह अनुसूची-1 के भाग-III (सरीसृप) में संरक्षित वन्यप्राणी घोषित हैं। इनके शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध है, और ऐसा करना कानूनन दंडनीय अपराध है।
प्रभागीय वनाधिकारी, कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग द्वारा चौहड़पुर रेंज के अंतर्गत वन्यजीवों के शिकार व अवैध गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
वन विभाग ने आम जनता को चेताया है कि वन्यजीव अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम एवं भारतीय वन अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लंबी अवधि की सजा एवं जुर्माना दोनों शामिल हैं।