उपनलकर्मियों के नियमितीकरण का मामला फिर आया सुर्खियों में, जन संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

उपनलकर्मियों के नियमितीकरण का मामला फिर आया सुर्खियों में, जन संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

रघुनाथ सिंह नेगी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर रिव्यू पिटिशन वापस लेने की रखी मांग

देहरादून। उपनल कर्मियों के नियमितीकरण और उन्हें अन्य लाभ दिलाने की मांग को लेकर जन संघर्ष मोर्चा एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर उपनल कर्मचारियों की समस्याएं उनके समक्ष रखीं और न्यायालय के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने की मांग की।

नेगी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सरकार 12 नवंबर 2018 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करे, जिसमें उपनलकर्मियों को नियमित किए जाने व अन्य लाभ दिए जाने के निर्देश थे। उन्होंने यह भी मांग की कि सुप्रीम कोर्ट में दायर रिव्यू पिटिशन को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए, क्योंकि इससे इन कर्मियों के भविष्य पर अनिश्चितता बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पहले 15 अक्टूबर 2024 को एसएलपी दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बावजूद सरकार ने 8 नवंबर 2024 को रिव्यू पिटिशन दाखिल कर दी, जो अभी तक न्यायालय में लंबित है।

नेगी ने आरोप लगाया कि सरकार ने कुछ माह पूर्व इन कर्मियों के हित में कार्रवाई करने का आश्वासन तो दिया था, लेकिन आज तक जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि ये कर्मी बेहद कम वेतन पर कार्यरत हैं और उनके परिवार का गुजर-बसर भी कठिनाई से हो रहा है।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने की बात होती है, तो सभी दल एकजुट होकर प्रस्ताव पास करवा लेते हैं, लेकिन उपनल जैसे संवेदनशील मुद्दे पर किसी की जुबान नहीं खुलती।

नेगी ने अंत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ही इस मुद्दे पर सरकार को स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं, ऐसे में सरकार को अब और देर नहीं करनी चाहिए और न्यायिक आदेशों का सम्मान करते हुए उपनल कर्मियों को उनका हक देना चाहिए।