विकासनगर, 25 जुलाई — प्रदेश में विद्युत लाइनों में फॉल्ट सुधार, ट्रांसफार्मर मरम्मत एवं लाइन शिफ्टिंग जैसे जोखिम भरे कार्यों के दौरान श्रमिकों की लगातार हो रही मौतों और दुर्घटनाओं पर जन संघर्ष मोर्चा ने गहरी चिंता जताई है। मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने विभागीय लापरवाही व ठेकेदारों की मनमानी को इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया।
पत्रकारों से बातचीत में नेगी ने कहा कि बिजली लाइन पर काम करने वाले कई श्रमिक करंट की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं या जीवनभर के लिए अपंग हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे खतरनाक कार्यों में लगे श्रमिकों का न तो ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा योजना) करवाया जाता है और न ही किसी तरह का बीमा कवर दिया जाता है।
नेगी ने सवाल उठाया कि जब विभाग और ठेकेदार जानते हैं कि ये कार्य कितने जोखिमपूर्ण हैं, तो फिर सुरक्षा उपकरणों, प्रशिक्षण और बीमा जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं क्यों नहीं की जातीं? उन्होंने कहा कि कई बार अकुशल और अनुभवहीन श्रमिकों से काम लिया जाता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और बढ़ जाती है।
उन्होंने मांग की कि विद्युत विभाग को चाहिए कि वह हर दुर्घटना की स्वतंत्र जांच कराए और यह पता लगाए कि लापरवाही किस पक्ष की थी — विभाग, ठेकेदार या किसी अन्य की। उन्होंने कहा कि “हर श्रमिक किसी परिवार का आधार होता है — वो भी किसी का बेटा, भाई या पिता है। उसकी मौत से केवल एक जान नहीं जाती, पूरा परिवार उजड़ जाता है।”
मोर्चा ने चेताया कि यदि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वह ऊंचे स्तर पर अधिकारियों से वार्ता कर जन आंदोलन शुरू करेगा।
इस अवसर पर मोर्चा के सदस्य हाजी असद और प्रवीण शर्मा पिन्नी भी मौजूद रहे।