दिव्यांगजनों को बड़ी राहत: देहरादून जिला अस्पताल में खुलेगा एकीकृत पुनर्वास केंद्र, सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर

देहरादून, 25 जुलाई 2025।
दिव्यांगजनों को अब प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, फिजियोथेरेपी, काउंसलिंग और अन्य जरूरी सेवाओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। देहरादून जिला अस्पताल परिसर में बहुप्रतीक्षित दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) की स्थापना की जा रही है, जिसकी पहल जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा की गई है।

यह केंद्र दिव्यांगजनों के लिए एक एकीकृत सेवा केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जहां सभी जरूरी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। इस कदम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की समावेशी और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति माना जा रहा है।

केंद्र के लिए स्थान तय, कार्य जल्द होगा प्रारंभ

गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय परिसर में हाल ही में हुए संयुक्त निरीक्षण के बाद एक हाल और एक कमरे को डीडीआरसी संचालन के लिए उपयुक्त पाया गया है। निरीक्षण में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनु जैन, समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे। तय किया गया है कि केंद्र की शीघ्र शुरुआत के लिए जरूरी मरम्मत, विद्युत व्यवस्था और फर्नीचर आदि की व्यवस्था तत्काल शुरू की जाए।

क्या-क्या सुविधाएं होंगी उपलब्ध?

दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने की सुविधा

कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल आदि का वितरण

फिजियोथेरेपी, स्पीच और ऑक्युपेशनल थेरेपी

मनोवैज्ञानिक और सामाजिक परामर्श

विशेष शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और पुनर्वास सेवाएं

कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार की सुविधा

सरकारी योजनाओं जैसे UDID कार्ड, पेंशन, छात्रवृत्ति आदि से जोड़ने की व्यवस्था


डीडीआरसी का संचालन भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए 14 स्वीकृत पद हैं, जिनका वेतन समाज कल्याण विभाग द्वारा वहन किया जाता है।

समावेशी विकास की दिशा में ठोस कदम

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि शासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि पुनर्वास संबंधी सभी सेवाएं एक ही जगह से मिले। इससे दिव्यांगजनों को सुविधा होगी और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

पृष्ठभूमि

विगत 5 वर्षों से यह केंद्र हरबर्टपुर में संचालित हो रहा था और एक उप-केंद्र राजा रोड स्थित स्कूल में भी था, जिससे लाभार्थियों को असुविधा होती थी। अब इन सभी सेवाओं को समेकित कर जिला अस्पताल परिसर में स्थापित किया जा रहा है।

यह केंद्र न केवल दिव्यांगजनों के लिए राहत और सुविधा का माध्यम बनेगा, बल्कि समावेशी समाज की दिशा में भी एक मजबूत पहल साबित होगा।