जौनसारी लोकगायक स्व. जगत राम वर्मा की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि और वृक्षारोपण कार्यक्रम

विकासनगर, 1 अगस्त।
जौनसारी लोकसंस्कृति के अमर साधक और लोकगायक स्वर्गीय जगत राम वर्मा जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आज धूमसू संस्था द्वारा एक गरिमामयी स्मृति सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लोकगायक वर्मा जी को श्रद्धा से स्मरण करते हुए उनके लोकसंगीत के योगदान को याद किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं दो मिनट के मौन श्रद्धांजलि के साथ हुआ। इस दौरान सभी उपस्थितजनों ने स्व. वर्मा जी को नमन करते हुए उनकी स्मृति में मौन साधना की। इसके पश्चात वर्मा जी द्वारा गाए गए लोकप्रिय जौनसारी लोकगीतों की प्रस्तुति हुई, जिनमें “महासू वदना”, “मै ज्बी सुन्चो”, “कमला याद आवो मुखे”, “बीडरु ना मानी ये मेरे जानो” जैसे गीतों ने सभा को भावुक कर दिया। संगीतमय माहौल में सभी श्रोताओं की आंखें नम हो उठीं।

लोकसंस्कृति के प्रति उनके योगदान को चिरस्थायी बनाने हेतु वृक्षारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बनी, बल्कि स्वर्गीय वर्मा जी के प्रकृति प्रेम और जीवन मूल्यों की सजीव झलक भी प्रस्तुत करती है।

धूमसू संस्था की अध्यक्ष एवं स्वरांजलि संगीत विद्यालय की एमडी शांति वर्मा ‘तन्हा’ जी ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि –
“स्व. वर्मा जी जैसे लोक कलाकारों का योगदान अनमोल है, और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी जब हम उनकी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाएं।”

कार्यक्रम में लोकगायिका विमला भारती, संवैधानिक मंच के संयोजक दौलत कुंवर, जौनसारी गीतकार प्रताप सिंह तोमर, लोकगायक गंभीर भारती, अंशु वर्मा, मीरा चौहान, श्रीमती इंदिरा शर्मा (लाखामंडल), निशा काला, अंशुमन, नवीन तोमर, अंकित जोशी, सुंदरलाल जी मीना, वेदांश, वंशिका चौहान, अविशि चौहान, कान्हा, दिव्यांश, आर्यन जोशी, नेत्र, यशश्री, बेला वाला विकासनगर के ग्रामीणजन आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

यह आयोजन लोकसंस्कृति को संरक्षित रखने के लिए एक प्रेरक संदेश बनकर सामने आया, जिसमें स्वर्गीय जगत राम वर्मा जी की स्मृतियों को संजोते हुए उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।