पत्नी को धमकाने वाले पति पर डीएम की बड़ी कार्रवाई: शस्त्र लाइसेंस निलंबित, जब्ती के आदेश

देहरादून।
शस्त्र लाइसेंस किसी की सुरक्षा के लिए दिया जाता है, न कि किसी को डराने-धमकाने के लिए। लेकिन जब लाइसेंसधारी ही हथियार को दहशत का जरिया बना ले, तो कानून को सख्त होना ही पड़ता है। ऐसा ही एक मामला देहरादून में सामने आया, जहां एक पति ने अपनी पत्नी को बंदूक दिखाकर डराया और अब उस पर जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की है।

बंदूक से धमकाता था पति, पीड़िता ने डीएम से की शिकायत
1 अगस्त को पीड़िता शिखा ने जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष प्रस्तुत होकर बताया कि उसका पति यश यादव बार-बार उसे बंदूक दिखाकर धमकाता है, मानसिक उत्पीड़न करता है और दहेज की भी मांग करता है। पीड़िता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने तत्काल प्रभाव से शस्त्र लाइसेंस (लाइसेंस संख्या: 311 / थाना नेहरू कॉलोनी) को निलंबित कर दिया।

शस्त्र जब्ती के दिए निर्देश
डीएम बंसल ने आदेश जारी करते हुए पुलिस को आरोपी का हथियार जब्त करने और उसे राज्य सरकार के पक्ष में सुरक्षित रूप से थाना नेहरू कॉलोनी में रखने के निर्देश दिए हैं।

कानूनी उल्लंघन की पुष्टि, निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने जिन शर्तों के तहत लाइसेंस प्राप्त किया था, उनका स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है। यह आयुध अधिनियम, 1959 की धारा 17(3)(क) और (ख) तथा आयुध नियम, 2016 के नियम 32(3) और (4) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

इतना ही नहीं, कूटरचित दस्तावेजों के ज़रिये शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने की आशंका भी जांच के घेरे में है। इसी आधार पर अब आरोपी का लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।

15 दिन में मांगा जवाब, नहीं तो लाइसेंस होगा रद्द
डीएम ने आरोपी यश यादव को 15 दिन के भीतर जवाब देने का अवसर प्रदान किया है। यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, तो शस्त्र लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाएगा।

🔴 यह कार्रवाई सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक कड़ा संदेश है — कि शस्त्र रखने का अधिकार, जिम्मेदारी के साथ आता है। किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा या डराने-धमकाने की मानसिकता अब कानून के शिकंजे से बच नहीं सकेगी।