यूजेवीएनएल की शक्ति नहर बार-बार क्षतिग्रस्त, दहाड़ा मोर्चा ने निगम-ठेकेदार गठजोड़ पर साधा निशाना

यूजेवीएनएल की शक्ति नहर बार-बार क्षतिग्रस्त, दहाड़ा मोर्चा ने निगम-ठेकेदार गठजोड़ पर साधा निशाना

विकासनगर। पछवादून क्षेत्र की जीवनरेखा कही जाने वाली शक्ति नहर एक बार फिर भारी क्षति का शिकार हो गई है। बरसात के दौरान नहर का बड़ा हिस्सा टूटने से जलापूर्ति प्रभावित हुई है, जिससे ढालीपुर (51 मेगावाट), ढकरानी (33.75 मेगावाट) और कुल्हाल (30 मेगावाट) जैसे महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजनाओं पर बिजली उत्पादन ठप होने का संकट खड़ा हो गया है।

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मोर्चा टीम ने मौके पर पहुंचकर क्षतिग्रस्त नहर का निरीक्षण किया और निगम व ठेकेदारों की मिलीभगत पर कड़ी नाराजगी जताई। नेगी ने आरोप लगाया कि पिछले एक-डेढ़ साल में नहर की मरम्मत पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन कुछ ही महीनों में पैनल टूटकर नहर में समा गए। यह न केवल उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर करता है।

उन्होंने कहा कि ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण कराया जाता है, ताकि हर बार मरम्मत के नाम पर नए टेंडर जारी हों और कमीशनखोरी का खेल चलता रहे। वर्तमान में नहर को अस्थायी रूप से ‘कट्टों’ के सहारे भरने की कोशिश की जा रही है, जो स्थिति की गंभीरता को और बढ़ाता है।

मोर्चा ने साफ कहा कि बार-बार होने वाले इन हादसों के बावजूद न तो ठेकेदारों पर कोई ठोस कार्रवाई होती है और न ही जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाती है। ऐसे में करोड़ों रुपये की जनता की गाढ़ी कमाई पानी में बह रही है और राज्य का विद्युत उत्पादन बार-बार प्रभावित हो रहा है।

नेगी ने घोषणा की कि मोर्चा जल्द ही निर्माण/मरम्मत कार्यों में हुई धांधली की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर शासन में दस्तक देगा और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराएगा।

इस मौके पर मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, भीम सिंह बिष्ट, मुकेश पसबोला, गय्यूर, गफूर, नसीम सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।