शक्ति नहर घोटाले की जांच की मांग, जन संघर्ष मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन

शक्ति नहर घोटाले की जांच की मांग, जन संघर्ष मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन

अधिकारियों-ठेकेदारों के गठजोड़ पर लगे गंभीर आरोप, लाइनमैनों के भविष्य की सुरक्षा की भी उठाई आवाज

, विकास नगर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने शक्ति नहर की घटिया मरम्मत के नाम पर हुए करोड़ों के घोटाले की जांच और अधिकारियों-ठेकेदारों की मिलीभगत पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर शासन का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।

नेगी ने आरोप लगाया कि पछवादून क्षेत्र की जीवनरेखा मानी जाने वाली शक्ति नहर पर पिछले डेढ़ वर्ष में दो बार करोड़ों की लागत से मरम्मत कार्य कराया गया, लेकिन कुछ ही समय में पैनल फिर से टूटकर नहर में बह गए। यह अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से कराया गया घटिया कार्य है, ताकि बार-बार टेंडर निकालकर मोटी कमीशन खाई जा सके।

शक्ति नहर ढालीपुर, ढकरानी और कुल्हाल परियोजनाओं को जलापूर्ति करती है, जो प्रदेश के विद्युत उत्पादन की रीढ़ हैं। बार-बार इसके क्षतिग्रस्त होने से न सिर्फ विद्युत उत्पादन ठप हो जाता है, बल्कि करोड़ों रुपये पानी में बह जाते हैं।

मोर्चा अध्यक्ष ने प्रमुख सचिव से मांग की कि वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों को तत्काल स्थानांतरित किया जाए और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। प्रमुख सचिव ने इस पर एमडी यूजेवीएनएल और एमडी यूपीसीएल को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

लाइनमैनों के भविष्य को सुरक्षित करने की मांग

नेगी ने यूपीसीएल में एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) के माध्यम से कार्यरत लाइनमैनों की बदहाल स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ये लाइनमैन 24 घंटे जनता की सेवा में लगे रहते हैं, फॉल्ट आने पर रात-दिन जान जोखिम में डालकर मरम्मत करते हैं, लेकिन उन्हें मात्र 14-15 हजार रुपये देकर शोषण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कई लाइनमैन विद्युत हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं, फिर भी उनके परिवारों को कोई समुचित सहायता नहीं मिलती। सरकार को चाहिए कि इन लाइनमैनों को एसएचजी के बजाय सरकारी संविदा पर कार्योजित किया जाए और दुर्घटना की स्थिति में उन्हें बीमा सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।