“शिक्षा ही है भविष्य, हर बेटी को मिले पढ़ाई का अवसर” – डीएम

चार अनाथ बेटियों को जिला प्रशासन ने थामा सहारा, तीन का स्कूल में दाखिला – बड़ी बहन सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण

“शिक्षा ही है भविष्य, हर बेटी को मिले पढ़ाई का अवसर” – डीएम

देहरादून, 2 सितंबर।, (उत्तराखंड बोल रहा है)
जिला प्रशासन देहरादून ने मां-बाप के साए से वंचित चार बहनों की जिंदगी में उम्मीद की नई रोशनी जलाई है। गरीबी और अभाव में पल रहीं इन बेटियों को जहां कभी स्कूल जाने का मौका तक नहीं मिला, वहीं अब जिला प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तीन बहनों का स्कूल में दाखिला कराया और बड़ी बहन सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

दरअसल, जनता दर्शन के दौरान सरिता नाम की बालिका ने जिलाधिकारी सोनिका बंसल के सामने अपना दर्द बयां किया। सरिता ने बताया कि कुछ समय पूर्व उनकी मां की डूबने से मौत हो गई थी और पिता किसी भी काम-धंधे में हाथ नहीं बंटाते। घर चलाने और तीन छोटी बहनों की पढ़ाई-लिखाई व भविष्य की जिम्मेदारी सरिता पर आ गई है। आर्थिक तंगी के कारण तीनों बहनें अब तक स्कूल नहीं जा सकीं।

डीएम सोनिका बंसल ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि तीनों बहनों का पास के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लाड़पुर, रायपुर में तत्काल दाखिला कराया जाए। निर्देश मिलते ही स्कूल प्रशासन ने बच्चियों का प्रवेश कर उनकी पढ़ाई शुरू करा दी। साथ ही उन्हें किताबें, यूनिफॉर्म और आवश्यक शैक्षिक सामग्री भी उपलब्ध कराई गई।

बड़ी बहन सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण से जोड़कर सेवायोजित करने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा जीएमडीआईसी को पत्र भेजा गया है। जल्द ही उसे स्वरोजगार या किसी संस्था से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा और सरकार की प्रतिबद्धता के तहत जिला प्रशासन असहाय और निर्धन परिवारों की बेटियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संकल्पबद्ध है। “शिक्षा ही बच्चों का भविष्य संवार सकती है, इसलिए हर बेटी को पढ़ने का अवसर मिलना चाहिए”, उन्होंने कहा।

प्रशासन की इस पहल से सरिता और उसकी बहनों जैसे असंख्य गरीब व असहाय परिवारों को शिक्षा व रोजगार की नई उम्मीद मिली है।