फर्जी अपहरण की कहानी: हॉस्टल न जाने के लिए 13 वर्षीय बालक ने रची फिल्मी कहानी, CCTV और GPay ने खोली पोल

फर्जी अपहरण की कहानी: हॉस्टल न जाने के लिए 13 वर्षीय बालक ने रची फिल्मी कहानी, CCTV और GPay ने खोली पोल

विकासनगर, देहरादून, 27 जून 2025: विकासनगर पुलिस ने एक कथित अपहरण की गुत्थी सुलझा ली है, जो दरअसल एक 13 वर्षीय नाबालिग बालक द्वारा रची गई पूरी तरह से झूठी कहानी निकली। हॉस्टल न जाने की जिद ने एक मासूम को झूठ बोलने पर मजबूर कर दिया, लेकिन पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच ने पूरे मामले की सच्चाई उजागर कर दी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 26 जून को विकासनगर निवासी श्री सुरेश सिंह ने चौकी बाजार पर सूचना दी कि उनका पुत्र Mayank Tomar घर से बिना बताए गायब हो गया है और अपनी माता का मोबाइल फोन भी साथ ले गया है।

कई घंटों बाद परिजनों ने बताया कि बच्चा मिल गया है, लेकिन उसने दावा किया कि चार अज्ञात लोगों ने उसे एक काली गाड़ी में जबरन अगवा किया था।

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच शुरू की और क्षेत्र के CCTV फुटेज खंगाले। फुटेज में Mayank को अलग-अलग वाहनों से लिफ्ट लेते हुए हिमाचल प्रदेश के मेरू वाला क्षेत्र की ओर जाते हुए देखा गया।

जांच में यह भी सामने आया कि Mayank ने रास्ते में अपने बाल कटवाए और कपड़े खरीदे, जिसकी पुष्टि Google Pay ट्रांजेक्शन और नाई द्वारा की गई। मोबाइल लोकेशन और अन्य तकनीकी तथ्यों ने भी यह साबित किया कि अपहरण की कहानी निराधार थी।

गहन पूछताछ में बालक ने स्वीकार किया कि वह हॉस्टल नहीं जाना चाहता था और इसीलिए खुद ही घर से निकल गया। रास्ता भटकने पर मेरू वाला निवासी सुरेंद्र की सहायता ली और फिर घर लौटने पर झूठी अपहरण की कहानी गढ़ दी।

बालक के परिजनों ने पुलिस चौकी पर उपस्थित होकर बच्चे की गलती के लिए माफ़ी मांगी और स्पष्ट किया कि कोई अपहरण नहीं हुआ था।

पुलिस ने किया आगाह:
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की झूठी सूचनाएं न केवल पुलिस संसाधनों का दुरुपयोग करती हैं, बल्कि समाज में बेवजह भय और भ्रम भी फैलाती हैं। ऐसे मामलों में गंभीर कार्रवाई भी की जा सकती है।