दिल्ली में दबोचा गया नाइजीरियन साइबर ठग, एसटीएफ उत्तराखंड ने उजागर किया करोड़ों का अंतरराष्ट्रीय पार्सल फ्रॉड रैकेट
देहरादून — उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। टीम ने दिल्ली से नाइजीरियन नागरिक और इस रैकेट के मास्टरमाइंड Colinus Ugochukwu Nwaemuka को गिरफ्तार किया। आरोपी पर अंतरराष्ट्रीय फर्जी पार्सल और सरकारी अधिकारी बनकर करोड़ों की ठगी करने का आरोप है।
शिकायत से गिरफ्तारी तक
जुलाई 2025 में देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि फेसबुक पर एक महिला ने खुद को एम्स्टर्डम स्थित एक फार्मा कंपनी की सीनियर मैनेजर बताकर दोस्ती की। विश्वास जीतने के बाद उसने नकली पार्सल भेजने का बहाना बनाते हुए Flota Logistics के नाम पर कस्टम स्कैनिंग, गोल्ड लाइसेंस, करेंसी कन्वर्ज़न, जीएसटी, बीमा और क्लीयरेंस जैसी मदों में पैसे मांगना शुरू किया।
इसके बाद कथित “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा” अधिकारी और नकली पुलिसकर्मी बनकर पीड़ित को फर्जी केस निपटाने और नाम हटाने के बहाने और राशि जमा कराने पर मजबूर किया गया। इस तरह आरोपियों ने कई किस्तों में ₹28,98,650 की ठगी कर ली।
साइबर कमांडो की जांच
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, श्री नवनीत सिंह के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा और निरीक्षक (साइबर कमांडो) आशीष गुसाई की टीम ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया। बैंकों, टेलीकॉम कंपनियों, डोमेन होस्टिंग प्लेटफॉर्म और मेटा से डेटा मंगवाकर आरोपी की पहचान हुई। इसके बाद टीम ने दिल्ली जाकर Colinus Ugochukwu Nwaemuka को बीएनएसएस के तहत गिरफ्तार किया।
ठगी का तरीका
फेसबुक पर नकली प्रोफाइल बनाकर खुद को अंतरराष्ट्रीय कंपनी की वरिष्ठ अधिकारी बताना।
पार्सल ट्रैकिंग वेबसाइट और फर्जी कस्टम एजेंटों के जरिए स्कैनिंग, गोल्ड लाइसेंस, बीमा आदि के नाम पर रकम मांगना।
“राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा” अधिकारी और पुलिसकर्मी बनकर पीड़ित को डराना और अतिरिक्त रकम वसूलना।
फर्जी मोबाइल नंबर, बैंक खाते और डोमेन का इस्तेमाल कर रकम ट्रांसफर करवाना।
बरामद सामान
15 मोबाइल फोन
05 बैंक एटीएम कार्ड
10 सिम कार्ड
02 पासपोर्ट
01 जियो वाईफाई डोंगल
01 लैपटॉप
01 पैन कार्ड
पुलिस की चेतावनी
एसएसपी एसटीएफ ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर अजनबियों से दोस्ती न करें, फर्जी निवेश ऑफर और इन्वेस्टमेंट स्कीम से बचें, और किसी भी संदिग्ध कॉल/लिंक पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। वित्तीय साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें या नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दें।
टीम में शामिल
निरीक्षक आशीष गुसाई (साइबर कमांडो), उपनिरीक्षक हिम्मत सिंह, कांस्टेबल मोहित, कांस्टेबल सुधीष खत्री (साइबर कमांडो)।