मेहनत और हौसले की मिसाल — मात्र ढाई साल में प्रतिमा बहादुर ने खोला दूसरा लक्ज़री सलून,

मेहनत और हौसले की मिसाल — मात्र ढाई साल में प्रतिमा बहादुर ने खोला दूसरा लक्ज़री सलून,

पिता के साथ काटा केक, मनाया सफलता का जश्न”

  विकास नगर (उत्तराखंड बोल रहा है) पाँवटा साहिब की युवा उद्यमी प्रतिमा बहादुर आज अपने हौसले और मेहनत की बदौलत नई मिसाल पेश कर रही हैं। ढाई साल पहले शुरू हुआ उनका सफ़र अब एक बड़ी सफलता में बदल चुका है। प्रतिमा बहादुर ने अपने पहले सलून “द लक्ज़री स्टूडियो” के बाद अब उत्तराखंड के विकासनगर में अपना दूसरा लक्ज़री सलून भव्य रूप से खोला है।

सोमवार को हुए उद्घाटन समारोह में प्रतिमा ने अपने पिता जी के हाथों फीता कटवाकर और केक काटकर इस ख़ास दिन को यादगार बनाया। इस दौरान उन्होंने अपनी पूरी टीम और ग्राहकों का आभार व्यक्त किया।

प्रतिमा बहादुर ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे सिर्फ़ उनकी मेहनत नहीं बल्कि पिता का आशीर्वाद और टीम का सहयोग भी है। माँ के देहांत के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, पढ़ाई और अपने सपनों को आगे बढ़ाया। उन्होंने देश की प्रसिद्ध मेकअप आर्टिस्ट पारुल गर्ग से ट्रेनिंग लेकर खुद को प्रोफेशनली सशक्त बनाया और अब दर्जनों युवाओं—विशेषकर लड़कियों—को रोजगार दे रही हैं।

कार्यक्रम में उनकी टीम की सदस्य तनीषा ने बताया कि प्रतिमा बहादुर के साथ काम करना प्रेरणादायक अनुभव है। “यहाँ न केवल काम सिखाया जाता है, बल्कि जीवन में आगे बढ़ने की सीख भी मिलती है,” उन्होंने कहा। वहीं राहुल, जो स्टूडियो के सदस्य हैं, ने बताया कि प्रतिमा बहादुर का सौहार्दपूर्ण और मेहनती स्वभाव उन्हें अलग बनाता है।

सामाजिक क्षेत्र में भी प्रतिमा बहादुर सक्रिय हैं। वे गरीबों की मदद, खेल-कूद प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को सहयोग और ज़रूरतमंदों के इलाज में भी आगे रहती हैं।

उद्घाटन समारोह के दौरान उनके पिता ने भावुक होते हुए कहा — “मेरे लिए इससे बड़ा पल नहीं हो सकता कि मेरी बेटी अपने दम पर इतनी ऊँचाइयाँ छू रही है। बचपन से ही उसमें कुछ अलग करने का जुनून था।”

प्रतिमा बहादुर ने इस अवसर पर कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ़ ब्यूटी और लक्ज़री तक सीमित नहीं, बल्कि गुणवत्ता, रोजगार और समाज के प्रति जिम्मेदारी को लेकर आगे बढ़ना है।

विकासनगर में “द लक्ज़री स्टूडियो” का नया अध्याय अब सौंदर्य और संवेदना दोनों का प्रतीक बन गया है।