बड़ी खबर 🚨वर्षों से दुर्गम में तैनात कर्मचारियों के लिए आई राहत की खबर!जन संघर्ष मोर्चा की मुहिम लाई रंग, “उत्तराखंड बोल रहा है” की खबर का बड़ा असर

बड़ी खबर 🚨
वर्षों से दुर्गम में तैनात कर्मचारियों के लिए आई राहत की खबर!
जन संघर्ष मोर्चा की मुहिम लाई रंग, “उत्तराखंड बोल रहा है” की खबर का बड़ा असर

🟢 विकासनगर।
सिंचाई विभाग में वर्षों से चली आ रही एक बड़ी अनियमितता पर आखिरकार विराम लग गया है। “उत्तराखंड बोल रहा है” समाचार पत्र की जागरूक पत्रकारिता और जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष व पूर्व राज्य मंत्री रघुनाथ सिंह नेगी की निर्णायक पहल के बाद दुर्गम में तैनात कर्मचारियों को सुगम में सेवा देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

इस पूरे प्रकरण में तब हलचल मच गई जब “उत्तराखंड बोल रहा है” ने “सिंचाई विभाग का कारनामा: चहेते कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए दुर्गम में जोड़ दी सेवाएं” शीर्षक से एक अहम रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें खुलासा हुआ कि कैसे सिंचाई खंड कालसी, जो कि देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में स्थित है और स्पष्ट रूप से सुगम श्रेणी में आता है, वहां तैनात मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों की तैनाती दुर्गम दिखाकर कुछ खास कर्मचारियों को लाभ पहुंचाया गया।

📌 असलियत क्या है?
कालसी खंड का कार्यालय अंबाड़ी ग्राम में स्थित है, जो विकासनगर मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। यहां तैनात अधिकांश कर्मचारियों के सरकारी आवास डाकपत्थर में हैं, जो सिर्फ 3 किलोमीटर दूर है। इसके बावजूद 2005 के स्थानांतरण सत्र में कर्मचारियों की सेवाओं को दुर्गम दर्शा दिया गया—जिससे कुछ विशेष कर्मचारियों को वर्षों तक यथावत रहने का लाभ मिला।

💥 अब क्या बदला?
रघुनाथ सिंह नेगी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष चंद्र से मुलाकात की और न्यायोचित कार्यवाही की मांग की। प्रमुख अभियंता ने तुरंत कर्मचारियों के हित में आदेश जारी कर दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैम्प कार्यालय में तैनात मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों की सेवाएं अब स्थानांतरण अधिनियम-2017 के अनुसार “सुगम” मानी जाएंगी।

🗣️ रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा:
“वर्षों से दुर्गम में कार्यरत कर्मियों को भी सुगम में सेवा देने का अधिकार है। यह केवल न्याय नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान और अधिकारों की पुनः स्थापना है।”

📢 कर्मचारियों में खुशी की लहर:
इस आदेश से अब वे कर्मचारी, जो लंबे समय से दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें भी कालसी जैसे सुगम खंडों में स्थानांतरण का अवसर मिलेगा। कर्मचारियों ने जन संघर्ष मोर्चा और “उत्तराखंड बोल रहा है” का आभार जताते हुए कहा कि “इस पत्रकारिता और संघर्ष ने हमारी वर्षों की पीड़ा को आवाज दी और समाधान तक पहुंचाया।

📍 यह सिर्फ एक आदेश नहीं, बल्कि सिस्टम के खिलाफ उठी सच्चाई की जीत है।

✍️ संवाददाता – उत्तराखंड बोल रहा है
📌 जनहित में प्रकाशित – आप भी भ्रष्टाचार और अन्याय के विरुद्ध हमारी मुहिम से जुड़ें।