हार के डर से निकाय चुनाव टाल रही भाजपा सरकार: शम्मी प्रकाश

निवर्तमान सभासद व पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष शम्मी प्रकाश ने कहा कि उत्तराखंड की भ्रष्टाचार में लिप्त भाजपा सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर निकाय चुनाव में हार के डर से घबरा कर भाग खड़ी हुई है। प्रेस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के स्थानीय निकाय में तीन महीनों के लिए प्रशासकों का कार्यकाल बड़ा कर चुनाव टालने का प्रयास किया गया है, जबकि पूर्व में सरकार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर कहा गया कि 30 जून तक चुनाव संपन्न कराए जाएंगे, उन्होंने कहा सरकार को आम जन से कोई सरोकार नहीं है, जब से पूरे प्रदेश में प्रशंसकों के हाथ में कमान आई है, तब से भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। छोटे-छोटे कार्यों के लिए बड़ी परेशानियों का सामना आम जन करना पड़ रहा है। इन सब समस्या से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। सफाई, प्रकाश व कार्यालय से जारी होने वाले छोटे-छोटे प्रमाण पत्र के लिए आमजन को दर दर की ठोकरे खानी पड़ रही है। स्थाई प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, पेंशन, सत्यापन के लिए कोई अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है। जिस कारण लोग बहुत परेशान है, उन्होंने कहा विकासनगर क्षेत्र के अंदर पानी की भारी समस्याएं हैं।

निकाय क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

बड़े-बड़े इलाकों के अंदर कई कई दिन पानी नहीं आता यदि आता है, तो गंदा पानी आ रहा है। जिन सब बस्तियों को चिन्हित कर लिया गया है, शीघ्र ही विभाग के विरुद्ध एक जन आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा। मुख्य बाजार में फुटपाथ पर टाईल लगाई जा रही है, इसक़ी गुणवत्ता पर स्थानीय व्यापारी निरंतर सवाल उठा रहे हैं, परंतु कोई जनप्रतिनिधि व अधिकारी सुनने और देखने को तैयार नहीं है। विभाग मूक दर्शक है ठेकेदार के आगे नतमस्तक है। इन सब समस्या को लेकर कांग्रेसजन सड़कों पर उतरेंगे और आमजन को लेकर इस भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाई जाएगी। लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा शहर की सीवर व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। सरकार द्वारा लगातार बड़ी-बड़ी बातें करने के पश्चात भी आज कई वर्षों बाद भी आज तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। शहर की इन सब समस्याओं को लेकर कांग्रेस प्रत्येक वार्ड वार्ड में जाकर जन जागरण अभियान चलाने के साथ-साथ सरकार के विरोध आंदोलन करेगी।

नहीं बढ़ाए जा रहे पर्यावरण मित्रों के पद

पांच वर्ष बीत जाने के पश्चात भी नये सम्मिलित किए गए क्षेत्र में सुचारू रूप से पर्यावरण मित्रों को नियुक्ति तक सरकार नहीं कर पाई। पालिका बोर्ड से बार-बार डिमांड करने के पश्चात भी पर्यावरण मित्रों के पदों को नहीं बढ़ाया गया। जिससे साफ होता है कि सरकार सिर्फ क्षेत्र को सम्मिलित करना चाहती थी ना की उस क्षेत्र की साफ सफाई व अन्य सुविधाओं के लिए सरकार किसी दिशा में कार्रवाई नहीं करना चाहती, यही सब कारण है कि सरकार निरंतर चुनाव को टालकर चुनाव के हार के भाग रही है। इन सब मुद्दों को लेकर कांग्रेस वार्ड वार्ड जाएंगे आमजन को जागरूक करने के साथ-साथ सरकार के विरोध जन आंदोलन करेंगे।