देहरादून में दो दिनों से मूसलाधार बारिश, जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर – डीएम ले रहे हर पल का अपडेट
देहरादून, 02 सितंबर। राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। जिलाधिकारी सविन बंसल लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और संबंधित अधिकारियों को फील्ड में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन की ओर से नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी गई है। एहतियात के तौर पर जिले के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को 01 और 02 सितंबर तक बंद रखा गया। अपर जिलाधिकारी (वि.रा.) के.के. मिश्रा लगातार सभी तहसीलों और ब्लॉकों से स्थिति की पल-पल की जानकारी जुटा रहे हैं।
नदी-नाले उफान पर, त्रिवेणी घाट में गंगा खतरे के निशान से ऊपर
आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, गंगा नदी त्रिवेणी घाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हालांकि यमुना और टोंस नदी अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। प्रशासन ने लोगों को विशेष सतर्कता बरतने और नदी किनारे न जाने की हिदायत दी है।
वर्षा के आंकड़े
- मसूरी – 36.5 एमएम
- कोटी – 46 एमएम
- यू-कास्ट – 40.5 एमएम
- चकराता – 35 एमएम
- कालसी – 32 एमएम
- अन्य क्षेत्रों में भी 15 से 28 एमएम तक वर्षा दर्ज की गई।
अब तक जलभराव से जुड़ी 106 शिकायतों में से 104 का निस्तारण कर लिया गया है।
सड़क मार्ग व बिजली-पानी आपूर्ति
भारी बारिश के कारण त्यूनी–चकराता–रोटा खड्ड मोटर मार्ग (किमी 44 व 45) बाधित हुआ था, जिसे खोलने का कार्य जारी है। जिले के सभी राज्य और जिला मार्ग सुचारू हैं, लेकिन 30 ग्रामीण मार्ग अभी अवरुद्ध हैं। इन्हें खोलने के लिए पीएमजीएसवाई और लोनिवि की टीमें काम में जुटी हैं। फिलहाल बिजली और पानी की आपूर्ति सामान्य बनी हुई है।
जलभराव से निपटने को तैनात क्यूआरटी
नगर निगम क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसडीएम हरिगिरी और एसडीएम कुमकुम जोशी के नेतृत्व में त्वरित प्रतिक्रिया टीमें (क्यूआरटी) तैनात की गई हैं। प्रमुख चौक-चौराहों पर 17 हाई प्रेशर डीवाटरिंग पंप लगाए गए हैं, जिससे रिस्पांस टाइम कम हुआ है और लोगों को तेजी से राहत मिल रही है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हर ब्लॉक और तहसील में अधिकारियों को फील्ड में रहने और जनता की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए गए हैं।
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