क्षेत्रफल के आधार पर नहीं हुआ परिसीमन तो उक्रांद करेगा आंदोलन : सुरेंद्र कुकरेती

-यूकेडी कार्यकर्ताओं ने तहसील में दिया धरना

-10 फ़ीसदी आरक्षण पारित होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया

यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने जनता के विभिन्न मुद्दों को लेकर तहसील में एक दिवसीय धरना दिया। उपजिलाधिकारी विकासनगर के माध्यम से ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा। सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय संरक्षक सुरेंद्र कुकरेती जी ने कहा कि वर्तमान सरकार को जन मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है। सिर्फ बयानबाजी कर जनता को बरगलाने का काम किया जा रहा है। चाहे मूल निवास 1950 का मामला हो, प्रदेश में भू-कानून लागू करने की बात हो, बहन बेटियों की सुरक्षा की बात हो, युवाओं के रोजगार की बात हो या प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार की बात हो, इन मुद्दों पर सरकार का रवैया टालमटोल वाला रहा।

उन्होंने कहा कि 24 वर्ष में जो सरकार प्रदेश की अस्थाई राजधानी का मुद्दा न हल कर पा रही हो, जो लोकायुक्त नियुक्ति न कर पा रहीं हो, उससे किसी भी अन्य मुद्दे की हल होने की उम्मीद नहीं है। आज युवा वर्ग बेरोजगारी से परेशान है। कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। कुकरेती ने कहा कि शीघ्र ही विधानसभा सीटों का परिसीमन होने जा रहा है। उत्तराखंड में यदि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होता है तो पहाड़ों का राजनीतिक भविष्य ही समाप्त हो जाएगा। उक्रांद प्रदेश में अन्य हिमालयी राज्यों की तर्ज पर क्षेत्रफल आधार पर परिसीमन की मांग करता है। अगर परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर नहीं होता है तो उक्रांद आंदोलन करेगा। कुकरेती ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश की स्थिति बहुत ही भयावह हो गई है। यह देवभूमि दानाव भूमि बनती जा रही है आए दिन महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे हैं पुलिस प्रशासन केवल मूल निवासियों के घरों पर छापे मार कर सत्यापन की खानापूर्ति कर रहा है, कहीं ना कहीं उनकी नियत पर यह सवाल पैदा होता है जो सत्यापन की कार्रवाई कर रहे हैं।

कुकरेती ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी को सम्मान के तहत जो पेंशन सरकारों ने दी थी कई आंदोलनकारी की पेंशन सरकार ने बंद करी सरकार से आग्रह है कि तुरंत तुम पेंशनों को जारी कराया जाए तथा वंचित राज्य आंदोलनकारी है उनके चिन्हिकरण के लिए शीघ्र कार्रवाई हो। सभी आंदोलनकारी की तरफ से कुकरेती ने राज्यपाल उत्तराखंड एवं माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड का 10 फ़ीसदी क्षैतीज आरक्षण के बिल को पास करने के लिए आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने समस्त उत्तराखंड की जनता से आह्वान किया की सभी मिलकर इस प्रदेश को बचाने के लिए साथ में आए और इस प्रदेश के सर्वांगीण विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।


इसी क्रम में केंद्रीय कार्यकारिणी के विशेष सदस्य शैलेश गुलेरी ने कहा की हिमाचल की तर्ज पर भू कानून जब तक प्रदेश में लागू नहीं होगा तब तक यूं ही प्रदेश की जमीनों की बंदर बांट होती रहेगी और भू माफिया, खनन माफिया और अपराधी किस्म के लोग इस प्रदेश की शांत वादियों में जहर घोलते रहेंगे उसका एकमात्र समाधान है धारा 371 प्रदेश में लागू हो। केंद्रीय सचिव प्रकाश भट्ट ने कहा कि आज बेटियों को घर से बाहर निकलने में इस देवभूम में दहशत हो रही है और अपनी बेटियों को घर से बाहर भेजने में मां-बाप डर रहे हैं आज प्रदेश रहने लायक नहीं बचा है इसको रहने लायक बनाना होगा सभी लोगों को साथ में आना होगा इन अपराधियों का मिलकर विरोध करना होगा और इन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलवानी होगी तभी की प्रदेश रहने लायक बनेगाl
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष गणेश प्रसाद कला ने कहा की एक तरफ सरकार के मंत्री एवं खुद मुख्यमंत्री बड़े-बड़े बयान देकर बाहरी लोगों के सत्यापन की बात कर रहे हैं जबकि बेखौफ अपराधी प्रदेश में अपराधों को अंजाम दे रहे हैं सत्यापन के नाम पर केवल स्कूल कॉलेज के बच्चों को किराए पर देने वाले लोगों के चालान काटकर उनसे चंदा वसूली कर सरकार की जेब भरी जा रही है जबकि दूसरे प्रदेशों के थानों में गैंगस्टर तक के केस दर्ज करने वाले लोग यहां पर सफेद कुर्ते पहन के घूम रहे हैं और अपराध को अंजाम दे रहे हैं लेकिन सरकार, शासन, प्रशासन व पुलिस उनको चिन्हित नहीं कर पा रही है ना ही उनको प्रदेश से बाहर निकल पा रहे हैं और ना ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर पा रहे हैं जब कोई वारदात हो जाती है उसके बाद सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने जैसा ढोंग सारी संस्थाएं कर रही हैं इस पर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए इन अपराधियों को जो महिला के प्रति अपराध कर रहे हैं देवभूमि में इनको यथाशीघ्र सजा चिन्हित कर इनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाए जिससे कोई अन्य इस तरह की वारदात करने की हिम्मत न जुटा सके।


नगर अध्यक्ष जय कृष्णा सेमवाल ने अपने संबोधन में कहा की यूकेडी यहां के मूल निवासियों के हक के लिए संघर्ष करता रहेगा और मूल निवास 1950 जब तक लागू न हो उसके लिए आंदोलन चलता रहेगा और सड़कों पर खड़ा रहेगा सरकार को किसी भी बहाने से यहां के मूल निवासियों के हितों पर कुठाराघात करने नहीं दिया जाएगा।
जिला महामंत्री अतुल बेंजवाल ने कहा प्रदेश में राज्य आंदोलन के संघर्षों को जब तक अगली पीढ़ी तक नहीं पहुंचाया जाएगा और मूल निवासियों के हकों को सुरक्षित एवं संरक्षित नहीं किया जाएगा तब तक इस पृथक राज्य की अवधारणा ही निरर्थक है सभी मूल निवासियों और प्रदेश के में निवास करने वाले लोगों को आह्वान किया जाता है कि सभी लोग साथ में मिलकर इस प्रदेश को अपराधियों से मुक्त करने के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने का समय आ गया है वरना इसी तरह हमारी मां बहनों को इन अपराधियों इन अपराधों का सामना करना पड़ेगा जब तक आम जनमानस इनके खिलाफ खड़ा नहीं हो पता तब तक यह इस तरह के कुत्सित प्रयास करते रहेंगे


जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह नेगी जी ने कहा की मूल निवास 1950 प्रदेश बनने से प्रमुख मांगों में रहा है लेकिन यह सरकार अपने कान बंद कर कर मूल निवासियों की मांग को फाइलों में दबा कर बैठी है, समय-समय पर वोट पाने के लिए सरकार नए-नए सगूफे छोड़ती है और उसको फिर ठंडा बस्ते में डालकर बंद कर देती है अब ऐसा नहीं चलेगा पूरी जनता सड़कों पर लामबंद हो रही है अगर सरकार शीघ्र मूल निवास 1950 लागू नहीं करती है तो जनता सड़कों पर इनका विरोध करेगी, यदि उत्तराखंड क्रांति दल सत्ता में आता है तो सबसे पहले मूल निवास 1950 यहां पर लागू किया जाएगा।

इस मौके पर जिला अध्यक्ष गणेश प्रसाद काला, नगर अध्यक्ष विकासनगर जय कृष्ण सेमवाल जी, भूपेंद्र सिंह बिष्ट, जिला प्रवक्ता नरेंद्र कुकरेती, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेंदर सिंह नेगी, मनोज कंडवाल, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह नेगी, जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र पंवार, जिला महामंत्री अतुल बैंजवाल, जिला उपाध्यक्षा महिला प्रकोष्ठ बीना पंवार, पुष्पा त्यागी, नगर उपाध्यक्ष विकासनगर अमजद जी, राम सिंह रावत, जावेद, सुन्दर लाल गैरोला, सुनीता चमोली, गोदावरी भट्ट, शांति देवी, कमला घिल्डियाल, सविता जोशी, उषा जोशी, सरोज मालासी,आशा पंवार, लक्ष्मी पंवार, रीता शाहू,, रजनी, गोदंबरी भट्ट, अनीता चमोली, महावीर उनियाल, रामपति पैन्यूली, सुशीला नेगी, सुशीला कपरान, रजनी, लक्ष्मी पंथरी, बिजेश्वरी रावत, गीता रावत, आदि ब्लॉक व नगर के पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे।