अंतरिक्ष विज्ञान व अनुसंधान में भारत प्राचीन काल से अग्रणी: राजन शर्मा

दून पब्लिक अकादमी में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं विज्ञान प्रदर्शनी, वीडियो लेक्चर का आयोजन किया गया। विज्ञान संकाय द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष्य पर छात्र छात्राओं को भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान इसरो के विभिन्न मिशन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उदय, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना, इसके गौरवशाली इतिहास, विश्व अंतरिक्ष क्षेत्र मे भारत व इसरो की उपलब्धियां, भारतीय वैज्ञानिकों की अभूतपूर्व सफलता व क्षमता से विद्यार्थियों का परिचय कराया गया ।

विभिन्न मॉडलों की सहायता से रॉकेट का परिक्षेपण, विभिन्न अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा मे स्थापित करना, चंद्रयान को चाँद की सतह पर सफलता पूर्वक उतारने के लिए हमारे वैज्ञानिकों के असीम धैर्य, अदम्य साहस व् उनके संघर्षों को वीडियो के माध्यम द्वारा विधार्थियों को अवगत कराया गया।

विज्ञान संकाय द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी छात्र छात्राओं ने बड़ी संख्या मे भागीदारी सुनिश्चित की।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य राजन शर्मा ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान व अनुसंधान में भारत प्राचीन काल से अग्रणी रहा है। आज़ादी के अमृत काल की बेला पर देश के अंतरिक्ष विज्ञान का स्वर्णिम काल वापस आ रहा है। इसका पूरा श्रेय देश के महान वैज्ञानिकों, उनकी क्षमता, उनके समर्पण व देश के नेतृत्व को जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र मे विश्व का प्रतिनिधित्व करेगा, इतना सामर्थ्यवान हमारा देश हो चुका है।

अंतरिक्ष प्रश्नोत्तरी परीक्षा में कक्षा सप्तम के प्रद्युम्न ने प्रथम, गुंजन ने द्वितीय एवं खुशी रावत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।