विद्यालयों से वसूले जा रहे लेबर सैस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेगा जन संघर्ष मोर्चा
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश के निजी विद्यालयों पर थोपे जा रहे लेबर सैस (श्रम उपकर) के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस पर उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया।
नेगी ने कहा कि भवन निर्माण एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा विद्यालय प्रबंधनों को विद्यालय भवन की पूरी लागत का एक फ़ीसदी लेबर सैस जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि यह सैस भवन निर्माण में लगी वास्तविक लेबर लागत के आधार पर लिया जाना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि किसी भवन की लागत ₹1000 है और उस पर ₹150 लेबर खर्च आता है, तो सैस केवल ₹150 पर 1% यानी ₹1.50 होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में ₹1000 पर 1% यानी ₹10 वसूला जा रहा है। यह सीधे तौर पर भवन कर जैसा प्रतीत होता है, न कि लेबर सैस।
नेगी का कहना है कि इस प्रकार के अनुचित सैस का बोझ अंततः छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों पर ही पड़ेगा और शिक्षा को और महंगा कर देगा। उन्होंने इसे एक तरह का जजिया कर करार दिया और कहा कि विभाग इस तरह से टैक्स पर टैक्स लगाकर जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है।
उन्होंने यह भी आशंका जताई कि भविष्य में अस्पतालों व अन्य संस्थानों पर भी ऐसे टैक्स लगाए जा सकते हैं, जो समाज के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
