सिंचाई विभाग-यूजेविएनएल वॉटर टैक्स विवाद पर जन संघर्ष मोर्चा का हमला — मुख्य सचिव से तत्काल हस्तक्षेप की मांग 🔴
विकासनगर।
उत्तराखंड में जल संसाधनों के उपयोग को लेकर सरकारी महकमों के बीच टकराव अब सार्वजनिक हो गया है। वॉटर टैक्स को लेकर सिंचाई विभाग, उत्तराखंड जल विद्युत निगम (UJVNL) और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) के बीच खींचतान चरम पर है। इस मुद्दे पर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रेस वार्ता में बड़ा बयान दिया है।
नेगी ने कहा कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम (UJVNL) द्वारा वर्षों से सिंचाई विभाग के जल संसाधनों का उपयोग विद्युत उत्पादन में किया जा रहा है, लेकिन 548 करोड़ रुपये का वॉटर टैक्स अब तक सिंचाई विभाग को अदा नहीं किया गया है। इस पर सिंचाई विभाग ने जल विद्युत निगम के खिलाफ आरसी (वसूली प्रमाण पत्र) जारी कर दी है।
इस कार्रवाई से बौखलाए जल विद्युत निगम ने अपनी नाकामी का ठीकरा अब यूपीसीएल (UPCL) पर मढ़ दिया है। UJVNL का दावा है कि UPCL पर उसका 2800 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें वॉटर टैक्स, सेस और रॉयल्टी शामिल हैं।
🧾 आरोप-प्रत्यारोप और पल्ला झाड़ने की राजनीति
नेगी ने कहा कि तीनों विभागों द्वारा एक-दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी डालकर जनता और राज्य का कीमती समय बर्बाद किया जा रहा है। इससे ना केवल प्रशासनिक कामकाज बाधित हो रहा है, बल्कि ऊर्जा और सिंचाई जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी खतरे में आ सकती हैं।
🗣 मुख्य सचिव से हस्तक्षेप की मांग
जन संघर्ष मोर्चा ने मुख्य सचिव से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि यदि समय रहते विवाद का समाधान नहीं हुआ तो यह मुद्दा बड़े आर्थिक और प्रशासनिक संकट में तब्दील हो सकता है। मोर्चा ने स्पष्ट किया कि UJVNL ही प्रत्यक्ष रूप से सिंचाई विभाग के जल का उपयोग करता है, इसलिए टैक्स भुगतान की जिम्मेदारी उसी की बनती है।
🧑🤝🧑 प्रेस वार्ता में मौजूद
प्रेस वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार और अतुल हांडा भी मौजूद रहे। मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि मामले को जल्द सुलझाया नहीं गया, तो जन संघर्ष मोर्चा जनहित में आंदोलन का रुख अख्तियार करेगा।
🔺 विशेष तथ्य:
जल विद्युत निगम पर 548 करोड़ का वॉटर टैक्स बकाया
यूपीसीएल से UJVNL को चाहिए 2800 करोड़ की वसूली
सिंचाई विभाग ने जारी की है आरसी
विभागीय टकराव से राज्य को भारी नुकसान की आशंका
🛑 समाधान का इंतजार कर रहा है उत्तराखंड।