राशन में घटिया नमक और साबूत मंडुवा थोपने पर जन संघर्ष मोर्चा का हल्ला बोल

राशन में घटिया नमक और साबूत मंडुवा थोपने पर जन संघर्ष मोर्चा का हल्ला बोल
नेगी बोले – उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से किया जा रहा खिलवाड़, सरकार ले संज्ञान

विकासनगर। प्रदेश में राशन कार्ड धारकों को घटिया क्वालिटी का नमक और साबूत मंडुवा थोपे जाने को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने राज्य सरकार और खाद्य मंत्री रेखा आर्य पर जमकर हमला बोला है। मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने इस मसले को उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि खाद्य मंत्री की जिद और निजी स्वार्थ के चलते यह नमक जबरन कार्ड धारकों को दिया जा रहा है।

नेगी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रत्येक राशन कार्ड पर प्रतिमाह 2 किलो घटिया नमक दिया जा रहा है जिसकी गुणवत्ता बेहद खराब है और यह उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमाऊं क्षेत्र में भी उपभोक्ताओं ने इस नमक के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है और कई जगह उपभोक्ता और राशन विक्रेताओं के बीच टकराव की स्थिति बन चुकी है।

“इंसानों को दिया जा रहा नमक पशुओं के लायक!”
नेगी ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि यह नमक इंसानों को देने लायक नहीं है, हां पशुओं को शायद यह ज्यादा मुफीद हो। इसी तरह, सरकार द्वारा कार्ड धारकों को 1 किलो साबूत मंडुवा मुफ्त में देने का फैसला भी जनता के साथ धोखा है, क्योंकि इसके बदले एक किलो चावल की कटौती कर दी गई है।

उन्होंने सवाल उठाया कि “एक किलो साबूत मंडुवा लेकर उपभोक्ता क्या करें? उसे पिसवाएं या माथे पर लेप लगाएं!” मोर्चा ने इसे खाद्य मंत्री का ‘तुगलकी फरमान’ करार दिया।

“जब दाल सस्ती हो तब ही राशन में भेजती है सरकार”
नेगी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार जब बाजार में दाल के दाम कम होते हैं तभी उसे राशन दुकानों पर भेजती है, और जब दाम बढ़ते हैं, तो दाल देना बंद कर देती है। उन्होंने कहा कि इस पूरी व्यवस्था में उपभोक्ता हितों की लगातार अनदेखी हो रही है।

सरकार से कार्रवाई की मांग
मोर्चा ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह घटिया नमक और मंडुवा वितरण के मामलों का तत्काल संज्ञान लेकर उपभोक्ता हित में कार्रवाई करे। पत्रकार वार्ता में विजय राम शर्मा और दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।