उत्तराखंड की बेटी अंकित भंडारी हत्याकांड में न्यायपालिका का ऐतिहासिक फैसला तीनों दोषियों को उम्र कैद की सजा

उत्तराखंड की बेटी अंकित भंडारी हत्याकांड में न्यायपालिका का ऐतिहासिक फैसला तीनों दोषियों को उम्र कैद की सजा

आज दिनांक 30 मई 2025 को न्यायपालिका ने उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह निर्णय न केवल न्याय का प्रतीक है, बल्कि उस सामाजिक संघर्ष की जीत है, जो उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) और समस्त उत्तराखंड की जनता ने मिलकर लड़ा।

इस अवसर पर उत्तराखंड क्रांति दल ने अस्पताल रोड, विकासनगर स्थित शहीद स्थल पर पहुंचकर बेटी अंकिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में स्थानीय जनता, मातृशक्ति, युवा कार्यकर्ता और दल के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड क्रांति दल के केन्द्रीय संरक्षक श्री सुरेंद्र कुकरेती जी ने इस ऐतिहासिक फैसले पर बोलते हुए कहा:

“अंकिता सिर्फ एक बेटी नहीं, पूरे उत्तराखंड की अस्मिता थी। उसकी हत्या ने पूरे समाज की आत्मा को झकझोर दिया था। हम उक्रांद कार्यकर्ताओं ने दिन-रात संघर्ष कर यह सुनिश्चित किया कि दोषियों को कानून के कटघरे में लाया जाए। आज मिला न्याय हमारे संघर्ष की जीत है।”
श्री कुकरेती ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि:

“हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह लड़ाई अभी पूर्ण नहीं हुई है। जिन लोगों ने बुलडोज़र चलाकर इस मामले के अहम सबूत मिटाए, जो पर्दे के पीछे से इस वीआईपी कांड को संरक्षण देते रहे — वे लोग भी इस अपराध के उतने ही दोषी हैं। उत्तराखंड क्रांति दल उनका चेहरा भी बेनकाब करेगा और जब तक उन्हें सज़ा नहीं मिलती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
उन्होंने आगे कहा:

“मैं समस्त उत्तराखंडवासियों, विशेष रूप से मातृशक्ति को नमन करता हूं, जिन्होंने अंत तक यह लड़ाई लड़ी। यह न्याय पूरे समाज की सामूहिक चेतना का परिणाम है।”
श्री कुकरेती ने उन अधिवक्ताओं का विशेष आभार व्यक्त किया, जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से अंकिता के पक्ष में मजबूत पैरवी की। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड क्रांति दल की महिला प्रकोष्ठ, और उन पत्रकारों का भी आभार प्रकट किया जिन्होंने सत्य की मशाल जलाए रखी।

दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री आशुतोष नेगी का उल्लेख करते हुए श्री कुकरेती ने कहा:

“श्री आशुतोष नेगी ने जिस निडरता, निर्भीकता और समर्पण से अंकिता के पक्ष में संघर्ष किया, वह उत्तराखंड की राजनीति में आदर्श प्रस्तुत करता है। वह तमाम सामाजिक और राजनीतिक दबावों के बावजूद सत्य के पक्ष में डटे रहे।”
अंत में, श्री कुकरेती ने कहा:

“यह न्याय अंकिता की आत्मा को शांति देगा, परन्तु हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उत्तराखंड की हर बेटी स्वयं को सुरक्षित और सम्मानित महसूस न करे, और जब तक सत्ता की आड़ में छिपे हर अपराधी को कानून के कटघरे में न लाया जाए।”

श्रद्धांजली सभा में जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री भूपेंद्र सिंह नेगी, जिला प्रवक्ता श्री नरेंद्र कुकरेती, विकासनगर ब्लॉक अध्यक्ष श्री भूपेंद्र बिष्ट, ब्लॉक महामंत्री श्री अमर देव, महिला प्रकोष्ठ की उपाध्यक्ष श्रीमती बीना पंवार, सैनिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष श्री पूर्ण प्रसाद भट्ट, कैप्टन चंदन सिंह सजवान, श्री विपिन मनोरी, श्री सतेंद्र रावत, श्री देवी प्रसाद डंगवाल, श्रीमती सुनीता चमोली, श्रीमती सावित्री रावत, श्रीमती रेखा सजवाण, श्री सुरेंद्र बिष्ट, श्री अमरदेव जोशी, श्री चंद्र मोहन भट्ट, श्री सुरेंद्र (ठेकेदार), श्रीमती कलावती रावत, श्रीमती लक्ष्मी पंवार, श्रीमती सरिता जोशी, श्रीमती सीता रावत, श्रीमती पुष्पा थपलियाल, श्रीमती सरोज जोशी, श्रीमती कांति रावत, श्रीमती अनीता चमोली, तथा श्रीमती सुशीला नेगीआदि सहित अनेक गणमान्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।