खंडूरी जी, संविधान से चलती है विधानसभा, न कि मनमर्जी से – जन संघर्ष मोर्चा
दल-बदल मामले में विधानसभाध्यक्ष की चुप्पी पर उठाए सवाल, इस्तीफे की मांग
विकासनगर, 13 अगस्त — जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता में विधानसभाध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा का संचालन संविधान के अनुसार होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत इच्छानुसार। उन्होंने कहा कि विधानसभाध्यक्ष की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वे दुराचारी और जालसाज विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करें, न कि उन्हें संरक्षण दें।
नेगी ने खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के खिलाफ दर्ज लगभग 30 मुकदमों का जिक्र करते हुए कहा कि इन मामलों में यौन शोषण, ब्लैकमेलिंग, षड्यंत्र, भूमि हड़पना और जालसाजी जैसे संगीन आरोप शामिल हैं, जिनमें से कई मामलों ने प्रदेश की छवि को धूमिल किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे विधायक को बचाना किसी आपराधिक षड्यंत्र से कम नहीं है।
उन्होंने बताया कि 26 मई 2022 को रुड़की निवासी श्री पनियाला ने विधानसभाध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर कर उमेश कुमार पर दल-बदल कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। जन संघर्ष मोर्चा ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया।
नेगी ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी विधानसभाध्यक्षों द्वारा निर्णय लेने में देरी और संरक्षण देने के मामलों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सवाल उठाया — “आखिर विधानसभाध्यक्ष किस बात से डर रही हैं? अगर कोई दबाव है तो वे इस्तीफा क्यों नहीं देतीं?”
मोर्चा ने स्पष्ट किया कि विधानसभाध्यक्ष का कर्तव्य है कि वे इस मामले में तुरंत निर्णय लें, चाहे फैसला किसी के पक्ष में हो या विपक्ष में, लेकिन अनिश्चितता खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रावली को केवल ‘आगे-पीछे सरकाने’ से न्याय नहीं होगा।
मोर्चा की मांग:
दल-बदल मामले में तत्काल निर्णय
संवैधानिक मूल्यों की रक्षा
विधानसभाध्यक्ष का इस्तीफा, यदि निष्पक्ष कार्रवाई संभव न हो
