उत्तराखंड क्रांति दाल द्वारा विकासनगर स्थित बाबूगढ़ में सत्येन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक नुक्कड़ सभा आयोजित की गई। जिसमें भू-क़ानून, मूलनिवास 1950 व हिमांचल की तर्ज पर धारा 371 हेतु लोगों को जागरूक किया गया l
मुख्य रूप से सुरेंद्र कुकरेती ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जब प्रत्येक राज्य के लिए जिसमें की नव सृजित झारखंड तथा छत्तीसगढ़ राज्य भी शामिल है, 1950 मूल निवास की कट ऑफ डेट को मान्यता प्रदान की है, तब उत्तराखंड को भारत के अन्य राज्यों से इतर मूल निवास 1950 से कैसे वंचित किया जा सकता है, केंद्रीय संरक्षक सुरेंद्र कुकरेती ने कहा कि वर्तमान सरकार को जन मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है। कुकरेती ने कहा कि प्रदेश में मूल निवास 1950 हिमाचल की तर्ज पर भू-कानून लागू होना अति आवश्यक है। जल, जंगल जमीन पर यहां के मूल निवासियों के अधिकार सुरक्षित रहें और मूल निवासियों के हक हकूक पर कोई बाहरी का कब्जा न हो सके।
कुकरेती ने कहा कि 2002 के विधानसभा सत्र के दौरान उनकी पार्टी ने भू-कानून को संविधान के आर्टिकल 371 में शामिल करने की मांग उठाई थी, जिससे प्रदेश को भू-माफियाओं से बचाया जा सके। मगर कांग्रेस और भजपा सरकार ने इन 23 सालों में भू-माफियाओं को पनपने का पूरा मौका दिया है। बिना नीति इतनी लचर व्यवस्था बनाई कि आज राज्य की जनता इसका खामियाजा भुगत रही है। अब सरकार पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि सरकार में भी भूमाफिया ही बैठे हैं।
कुकरेती ने कहा कि जहां तक मूल निवास, भू-कानून या परिसीमन की बात हो तो 1992 में उत्तराखंड क्रांति दल ने अपना ब्लूप्रिंट तैयार कर दिया था, उस समय राज्य निर्माण नहीं हुआ था और हम राज्य आंदोलन चला रहे थे, उस ब्लूप्रिंट में हमने सशक्त भू कानून, हिमाचल की तर्ज पर मूल निवास 1950, व हिमाचल की तर्ज पर धारा 371 लागू करने की बात की थी, अब उत्तराखंड राज्य का मूल युवा जाग रहा है। कुकरेती ने कहा कि अपने हक-हुकूक की लड़ाई लड़ने के लिए हमारे हमारा नौजवान को आज समझ आया है कि इतने सालों के बाद कि वास्तव में जो उत्तराखंड क्रांति दल कह रहा था वह बिल्कुल ठीक था राज्य बनाने के लिए लोगों को सड़क पर लाने के लिए हमें 14 साल लगे 1980 से लेकर 1994 तक हम सड़कों पर रहे फिर 94 में वह जन आंदोलन बन गया तो राज्य की प्राप्ति हुई, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि जो मूल निवास और भू कानून की हम शुरू से बात करते आ रहे हैं इसमें हमें 23 साल लगे समझने में की जो यहां के नौजवान हैं उनके हितों में कुठाराघात हो रहा है।
अंत में कुकरेती ने सभी से 24 अक्टूबर को उत्तराखंड क्रान्ति दल द्वारा भू-क़ानून, मूलनिवास 1950 व हिमाचल की तर्ज पर धारा 371 के पक्ष में की जाने वाली रैली में शामिल होने का अहवाहन किया l
वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह नेगी ने कहा की सरकार आज आंदोलन के शहीदों को अगर सच्ची श्रद्धांजलि देती है तो प्रदेश में मूलनिवास 1950 लागू करे तभी इस प्रदेश का भला होगा।
जिला महामंत्री मायाराम ममगईं ने कहा आंदोलन के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी की प्रदेश को बचाने के लिए सड़को पर संघर्ष करना पड़ेगा मूलनिवास, भूकानून की लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
नगर अध्यक्ष जयकृष्ण सेमवाल ने कहा सभी उत्तराखंडियों को को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करना पड़ेगा तभी इस प्रदेश की उन्नति हो सकेगी l