आजादी के 77 साल बाद भी गुलामी जैसी ज़िंदगी: केसरवाला गांव की भूमि पर सेना का विवादित कब्जा – जन संघर्ष मोर्चा

आजादी के 77 साल बाद भी गुलामी जैसी ज़िंदगी: केसरवाला गांव की भूमि पर सेना का विवादित कब्जा – जन संघर्ष मोर्चा

📍 रायपुर ब्लॉक, देहरादून

#नॉन Z-A भूमि पर सेना का अवैध कब्जा नहीं सहेगा मोर्चा
#ग्रामीणों को सड़क-सुविधा से वंचित करने पर फूटा आक्रोश
#राजस्व अभिलेखों में सेना का स्वामित्व नहीं – नेगी

आजादी के 77 वर्षों बाद भी देहरादून के रायपुर विकासखंड स्थित ऐतिहासिक गांव केसरवाला (अब नगर निगम क्षेत्र में शामिल) के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ग्रामीणों के अनुसार, यहां सेना द्वारा लगभग 100-120 वर्षों से नॉन Z-A भूमि पर अवैध कब्जा जमाया गया है, जिससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि सड़क जैसी बुनियादी सुविधा भी बाधित हो रही है।

इस गंभीर मुद्दे को लेकर जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी अपने साथियों सहित गांव पहुंचे और प्रगतिशील ग्राम विकास समिति के पदाधिकारियों संग मौके का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि जिस सड़क को सेना अपने स्वामित्व की बता रही है, वह राजस्व अभिलेखों में सेना के नाम दर्ज नहीं है।

नेगी ने जानकारी दी कि—

सेना द्वारा वर्ष 1904 में 972.22 एकड़ एवं 1940 में 244.139 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी।

वर्तमान में विवादित भूमि किसानों के नाम पर मालकागज़ात में दर्ज है।

राजस्व विभाग एवं रक्षा संपदा विभाग द्वारा भी पुष्टि की गई है कि संबंधित खसरा संख्याओं (318, 340, 341) के कोई भी अधिग्रहण दस्तावेज सेना के पास उपलब्ध नहीं हैं।

7 जून 2012 को रक्षा संपदा विभाग ने लिखित रूप में स्वीकार किया कि इन भूमि रिकॉर्ड्स से उनका कोई संबंध नहीं है।


नेगी ने बताया कि 24 मई 2024 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर बैठक भी हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। ग्रामीणों द्वारा कई बार प्रशासन से गुहार लगाई गई, लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है।

नेगी ने भरोसा दिलाया कि मोर्चा इस मामले को मुख्यमंत्री दरबार से लेकर न्यायालय तक उठाएगा और समाधान होने तक चैन से नहीं बैठेगा।

मौके पर मौजूद प्रमुख लोग:
सूरत सिंह नेगी, प्रवीण शर्मा पिन्नी, कलम सिंह रावत, प्रेम दत्त चमोली, राजेश मनवाल, रघुवीर सिंह राणा, भानु नेगी, केदार सिंह नेगी, स्वरूप सिंह पंवार, भगत सिंह नेगी, मंगला पंवार, सोबती चमोली, सावित्री नेगी, मंजू नेगी, रजनी चमोली, कुसुम चमोली, प्रभा मनवाल, महेंद्र सिंह कंडारी, सूरज रमोला, तोताराम चमोली, प्यारेलाल चमोली, विपिन चमोला आदि।

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