पूर्व जिला पंचायत सदस्य और उत्तराखंड के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज डीएवी देहरादून के छात्र नेता रहे राकेश सिंह नेगी इस बार सहसपुर विधान सभा से चुनाव में ताल ठोक रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस में टिकट के लिए मजबूत दावेदारी की है। वे प्रबल दावेदारों में माने जा रहे हैं। इससे पहले राकेश नेगी ब्लॉक प्रमुखी के चुनाव में कुशल राजनीति का परिचय देते हुए अपने भाभी सीमा देवी को सहसपुर का ब्लॉक प्रमुख बना चुके हैं। वर्तमान में क्षेत्र में उनकी खासकर युवा वर्ग में मजबूत पकड़ मानी जाती है।
स्थानीय को बनाया जाएं उम्मीदवार
राकेश नेगी के साथ ही अन्य कई कांग्रेसियों ने भी टिकट के लिए दावेदारी की हुई है। राकेश नेगी समेत सभी उम्मीदवारों का मानना है कि इस बार बाहरी के बजाय सिर्फ स्थानीय उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाना चाहिए। ऐसा न होने पर कोई न कोई बागी होकर चुनाव लड़ेगा और कांग्रेस के सभी समीकरण बिगाड़ देगा। सभी समीकरणों के हिसाब से सहसपुर सीट हमेशा से कांग्रेस के लिए आसान मानी जाती रही हैं, लेकिन बगावत के कारण यहां कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ती है।
गढ़वाली होना भी एक बड़ा फैक्टर
राकेश नेगी मूल रूप से चमोली जनपद के पोखरी ब्लॉक के निवासी हैं। सहसपुर विधान सभा में गढ़वाली वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है। ऐसे में राकेश नेगी का गढ़वाली मूल का होना भी उन्हें कही न कही फायदा पहुंचाएगा।
सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े हैं राकेश नेगी
राजनीति के साथ ही राकेश नेगी का सामाजिक सरोकारों से गहरा नाता है। वे ग्रमीण क्षेत्र के पांच प्राथमिक स्कूलों से पांच पांच छात्रों का संपूर्ण शैक्षिक खर्चा उठाते हैं। कॉलेजों में पढ़ने वाले 10 छात्रों की फीस का वहन करते हैं।