त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर घमासान: कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कहा- “जल्दबाज़ी में हो रहा लोकतंत्र का मज़ाक”
आरक्षण विसंगतियों के बीच चुनाव की घोषणा पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष आर्यनदर शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार संविधान की मूल भावना के खिलाफ जाकर जल्दबाज़ी में चुनाव कराने पर आमादा है, जबकि अभी तक आरक्षण से जुड़ी विसंगतियों का समाधान नहीं किया गया है।
आर्यनदर शर्मा ने कहा कि सरकार ने पहले तो पंचायत चुनाव को लेकर कोई ठोस होमवर्क नहीं किया और जब मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में आया, तो आनन-फानन में चुनाव की तारीख घोषित कर दी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब याचिकाकर्ता को अपनी बात रखने का मौका ही नहीं मिला, तो चुनाव करवाने की यह हड़बड़ी किसलिए? उन्होंने मांग की कि जब तक आरक्षण से जुड़ी विसंगतियां दूर नहीं होतीं, चुनाव स्थगित किया जाए।
नशाखोरी और खनन पर भी सरकार को घेरा
प्रेस वार्ता में आर्यनदर शर्मा ने पछुआ दून में बढ़ती नशाखोरी को लेकर भी राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब छोटे-छोटे तस्कर पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं तो बड़े तस्कर क्यों अब तक खुलेआम घूम रहे हैं? क्या इन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है? उन्होंने दावा किया कि नशे का यह गोरखधंधा राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
वहीं, क्षेत्र में बढ़ते अवैध खनन और उससे हो रही दुर्घटनाओं पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन इन गतिविधियों पर नकेल कसने में नाकाम रहा है। पूरी की पूरी कानून व्यवस्था चरमरा गई है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात की चेतावनी
आर्यनदर शर्मा ने कहा कि जल्द ही कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस पूरे मामले पर नाराज़गी जताएगा और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की मांग करेगा।
प्रेस वार्ता में ब्लॉक अध्यक्ष सहसपुर अमित पवार, युवा विधानसभा अध्यक्ष साहस, पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष अशोक नेगी, निवर्तमान प्रधान सुरेश पाल, संजय कुमार, हुकम सिंह पाल, संजय उपाध्याय सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर गहरी नाराज़गी जताई और निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव की मांग की।