भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा अडिग, कृषि मंत्री गणेश जोशी को बर्खास्त करने की मांग तेज
विकासनगर।, (उत्तराखंड बोल रहा है )जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महाभ्रष्ट कृषि मंत्री गणेश जोशी को संरक्षण देकर सरकार स्वयं प्रदेश को गर्त में धकेल रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री पर लगातार घोटालों के आरोप लगते रहे हैं, इसके बावजूद न तो उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया और न ही उनकी अघोषित संपत्तियों की जांच करवाई गई।

नेगी ने आरोप लगाया कि मंत्री गणेश जोशी द्वारा उद्यान निदेशक बवेजा को सीबीआई जांच से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करवाई गई थी। हाल ही में कृषि मित्र मेले में हुए घोटाले, तराई बीज विकास निगम की परिसंपत्तियों व भूमि नीलामी में गड़बड़ियों के साथ-साथ जैविक खेती, बागवानी योजनाओं, निर्माणाधीन सैन्य धाम और विदेशी दौरों पर सरकारी धन की बर्बादी जैसे गंभीर मामले उनके सिर पर हैं।
मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने कहा कि न्यायालय ने भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में सरकार से मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर सहमति मांगी थी, लेकिन शासन ने उन्हें अभयदान दे दिया। यही नहीं, बीते 5-7 वर्षों में मंत्री व उनके करीबियों ने सैकड़ों करोड़ की अघोषित संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने मांग की कि सरकार इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए और यह भी पता लगाए कि जो व्यक्ति 15-20 साल पहले आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, वह अचानक कैसे करोड़पति बन बैठा।

नेगी ने कहा कि देहरादून व आसपास बने कई मॉल, अपार्टमेंट और कॉम्प्लेक्स कथित रूप से मंत्री के परिजनों और गुर्गों के नाम पर धमकाकर कब्जे में किए गए हैं। ऐसे भ्रष्ट कारनामों के चलते प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है।
मोर्चा ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों राजभवन इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। नेगी ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर नहीं किया गया और अघोषित संपत्ति की जांच शुरू नहीं हुई, तो मोर्चा प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ेगा।
मोर्चा की स्पष्ट मांग –
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मंत्री गणेश जोशी को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।
अघोषित संपत्तियों की न्यायिक जांच कराई जाए।
मंत्री के संरक्षण में हुए घोटालों की सीबीआई जांच हो।