देहरादून, 29 जुलाई 2025।
राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण को लेकर लंबे समय से लंबित पड़ी 3702 पत्रावलियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने शासन में दस्तक दी है। मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएनवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सोमवार को मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन से भेंट कर माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में मांग की गई कि पिछले डेढ़ से दो वर्षों से लंबित चिन्हीकरण पत्रावलियों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए, ताकि पात्र आंदोलनकारियों को उनका हक मिल सके। नेगी ने आरोप लगाया कि पात्रता पूरी करने के बावजूद अधिकारियों द्वारा पत्रावलियों में अनावश्यक आपत्तियां लगाई जा रही हैं, जिनका न तो कोई ठोस आधार है और न ही अब तक निस्तारण हुआ है।
उन्होंने कहा कि यदि दस्तावेजों को लेकर कोई संदेह था, तो संबंधित विभागों से जानकारी प्राप्त कर पुष्टि की जा सकती थी, लेकिन ऐसा न करके अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे। नेगी ने आरोप लगाया कि अधिकारी केवल निजी स्वार्थों में लिप्त हैं और उन्हें राज्य आंदोलनकारियों की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शासन स्तर पर इन वंचित आंदोलनकारियों को चिन्हित करने में आने वाले अनुमानित 20 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च को लेकर आपत्ति जताई जा रही है, साथ ही भविष्य में संख्या बढ़ने की आशंका जताकर प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है।
नेगी ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि जिन आंदोलनकारियों की बदौलत उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ और आज अधिकारी ऊंचे पदों पर बैठे हैं, अगर वह आंदोलन न हुआ होता तो इनकी हैसियत क्या होती — यह सोचने की जरूरत है।
मुख्य सचिव ने मामले पर शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिया है। मोर्चा ने जल्द समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।