मौत से खेलते लाइनमैनों के जीवन की कोई कीमत नहीं सरकार की नजर में : मोर्चा
विकासनगर।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश भर में यूपीसीएल के अधीन विद्युत उपखंडों में तैनात श्रमिक/लाइनमैन, जिन्हें स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और प्राइवेट ठेकेदारों के माध्यम से तैनात किया गया है, 24 घंटे अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रात हो या दिन, किसी भी समय लाइन या ट्रांसफार्मर में फॉल्ट आने पर लाइनमैनों को मौके पर पहुंचना पड़ता है। इस दौरान उन्हें अपना पेट्रोल तक खर्च करना पड़ता है, लेकिन सरकार की ओर से इन्हें मात्र 14-15 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। इतना जोखिम भरा काम करने के बावजूद सरकार और विभाग की नजर में इनकी कोई कीमत नहीं है।
मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने कहा कि कई लाइनमैन विद्युत करंट की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन सरकार ने उनकी सुध तक नहीं ली। न उनका भविष्य सुरक्षित है और न ही वर्तमान। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परिवार की जिम्मेदारी का भी सरकार को कोई ध्यान नहीं है। यह श्रमिकों का खुला शोषण है।
उन्होंने मांग की कि सरकार को चाहिए कि एसएचजी के बजाय इन लाइनमैनों को सरकारी संविदा पर कार्योजित किया जाए और किसी भी दुर्घटना या अनहोनी की स्थिति में इन्हें भारी-भरकम बीमा लाभ दिलाया जाए, ताकि परिवार का गुजर-बसर सुचारू रूप से हो सके।
नेगी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए तो मोर्चा इन श्रमिकों की आवाज बनकर मुख्यमंत्री दरबार और शासन में दस्तक देगा।