प्रोटोकॉल पर तिलमिलाई विधानसभाध्यक्ष, लेकिन दल-बदल मामले पर क्यों खामोश? – जन संघर्ष मोर्चा
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने विधानसभाध्यक्ष ऋतु खंडूरी पर बड़ा हमला बोला है। नेगी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रोटोकॉल न मिलने पर विधानसभाध्यक्ष इतनी तिलमिलाईं कि आनन-फानन में विधानसभा उपसचिव से मुख्य सचिव को कार्रवाई हेतु पत्र तक भिजवा दिया गया। लेकिन यही फुर्ती अगर खानपुर विधायक के दल-बदल मामले में दिखाई होती तो प्रदेश की जनता गदगद हो जाती।

नेगी ने आरोप लगाया कि दल-बदल मामले में तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद विधानसभाध्यक्ष द्वारा कोई कार्रवाई न किया जाना गैरजिम्मेदाराना रवैया और भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि गरिमा और सम्मान की बात करने वाली विधानसभाध्यक्ष पहले ही सदन की गरिमा खो चुकी हैं और प्रदेश को गर्त में धकेल चुकी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे विधायक को संरक्षण दिया जा रहा है जिसके खिलाफ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में यौन शोषण, ब्लैकमेलिंग, जालसाजी, भूमि हड़पने जैसे करीब 30 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में विधानसभाध्यक्षों द्वारा फैसले में देरी और अनुचित संरक्षण देने को लेकर टिप्पणी की है। ऐसे में विधानसभाध्यक्ष का कर्तव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा को बनाए रखें।
नेगी ने याद दिलाया कि 26 मई 2022 को रुड़की निवासी श्री पनियाला ने खानपुर विधायक उमेश कुमार पर दल-बदल कानून उल्लंघन की याचिका विधानसभाध्यक्ष के समक्ष दायर की थी। इसके बाद जन संघर्ष मोर्चा ने भी कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हाल ही में केवल फाइलों को आगे-पीछे किया गया है।

नेगी ने सवाल किया – “विधानसभाध्यक्ष आखिर किस डर से फैसला लेने से बच रही हैं? अगर किसी दबाव में हैं तो इस्तीफा क्यों नहीं देतीं?”
उन्होंने कहा कि सदस्यता रद्द करने या बनाए रखने का फैसला चाहे जैसा भी हो, लेकिन हर हाल में निर्णय लिया जाना चाहिए। सम्मान और प्रोटोकॉल की बात करने से पहले विधानसभाध्यक्ष को जनता के भरोसे पर खरा उतरना होगा।
पत्रकार वार्ता में भीम सिंह बिष्ट और मुकेश पसपोला भी मौजूद रहे।