“छोटों पर गाज, बड़े बच रहे आज मोर्चा

छोटों पर गाज, बड़े बच रहे आज मोर्चा

— निगम भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड पर सरकार की खामोशी क्यों?”

जन संघर्ष मोर्चा ने उठाई सीबीआई जांच की मांग, कहा — असली मगरमच्छ पर कसा जाए शिकंजा

विकासनगर (उत्तराखंड बोल रहा है)।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि हरिद्वार नगर निगम भूमि खरीद घोटाला उत्तराखंड में सरकारी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां घोटाले में शामिल निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए कई को निलंबित किया है, वहीं इस पूरे खेल के “मुख्य मास्टरमाइंड” अधिकारी को अब तक संरक्षण दिया जा रहा है।

नेगी ने कहा कि सरकार ने छोटी मछलियों पर शिकंजा तो कस दिया, पर बड़े मगरमच्छ को बचा लिया गया है। जिस अधिकारी के इशारे पर पूरी खरीद प्रक्रिया चलाई गई, उसे न केवल बचाया जा रहा है, बल्कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं की गई। उन्होंने कहा कि ऐसे महाभ्रष्ट अधिकारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए तथा इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाए, ताकि असली अपराधियों का चेहरा जनता के सामने आ सके।

मोर्चा अध्यक्ष ने बताया कि सूत्रों के अनुसार उक्त अधिकारी ने जिलाधिकारी, एसडीएम, नगर आयुक्त सहित कई अफसरों पर दबाव बनाकर नियम विरुद्ध भूमि खरीद की प्रक्रिया कराई। कूड़े के ढेर से सटी कई बीघा भूमि, जिसकी बाजार कीमत लगभग 14 करोड़ रुपये थी, उसे 54 करोड़ रुपये में खरीद लिया गया, जिससे सरकार को करीब 40 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ।

नेगी ने कहा कि इस मामले की जांच आईएएस रणवीर सिंह चौहान द्वारा की जा चुकी है, जिसमें कुल 12 अधिकारियों को निलंबित या सेवा विस्तार समाप्त किया जा चुका है। इसके बावजूद अब तक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियमआर्थिक आपराधिक षड्यंत्र के तहत कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई — यह बात सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करती है।

उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने दबाव में आकर यह कार्य किया, वे आज सजा भुगत रहे हैं, जबकि असली “जालसाज” अधिकारी अभी भी आज़ाद घूम रहा है। इस अधिकारी ने न केवल नियमों की अनदेखी की, बल्कि सरकार की साख को भी धूमिल किया है।

नेगी ने कहा कि न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप सरकार को चाहिए कि वह इस भ्रष्ट अधिकारी को बर्खास्त करे और पूरे गिरोह पर सीबीआई जांच बैठाकर घोटाले के असली सूत्रधारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए।

पत्रकार वार्ता में हाजी असद एवं अमित जैन भी मौजूद रहे।