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देहरादून: रायफल फंड बना जरूरतमंदों का सहारा, डीएम सविन बंसल ने 6 असहाय महिलाओं को दी ₹1.50 लाख की सहायता
राज्य में पहली बार रायफल क्लब फंड का असहायों के उत्थान में प्रयोग, 20 साल बाद फंड का सार्थक उपयोग

देहरादून, 7 जुलाई 2025।
मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों और जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर देहरादून जनपद में रायफल क्लब फंड को अब समाज के वंचित और असहाय वर्ग के उत्थान के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है। राज्य में यह अपनी तरह का पहला उदाहरण है जब इस विशेष फंड का सदुपयोग गरीब, लाचार, विधवा और पीड़ित व्यक्तियों की सहायता के लिए किया गया हो।

सोमवार को जिलाधिकारी सविन बंसल ने कलेक्ट्रेट में आयोजित एक कार्यक्रम में 6 असहाय और जरूरतमंद महिलाओं को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए। लाभार्थियों में पूनम ठाकुर, बिरोजनी उनियाल, आशा देवी, खष्टी बिष्ट, रेशमी और बबीता शामिल रहीं। इनमें से अधिकांश महिलाएं या तो विधवा हैं, या उनके पति दुर्घटनाओं में घायल होकर कमाने में अक्षम हो चुके हैं।

डीएम ने विशेष रूप से लकवा पीड़ित आशा देवी को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की, बल्कि ‘सारथी’ वाहन से उन्हें सुरक्षित उनके घर तक भी भिजवाया। उन्होंने सभी लाभार्थियों से इस सहायता राशि को निवेश की तरह प्रयोग कर अपने जीवन को बेहतर बनाने की अपील की।

रायफल फंड बना सामाजिक कल्याण का जरिया

रायफल क्लब फंड आमतौर पर शस्त्र लाइसेंस जैसे ‘लक्जरी ट्रांजेक्शनों’ से प्राप्त राशि का संग्रह होता है। जिलाधिकारी ने इसे “मूलभूत आवश्यकताओं से परे एक लग्जरी ट्रांजेक्शन” बताते हुए कहा कि इसे अब समाज के हित में, विशेषकर असहायों की मदद में लगाया जा रहा है।

20 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद इस फंड को समाज के जरूरतमंदों के लिए प्रयोग में लाया गया है। अब तक इस फंड से ₹9.70 लाख की सहायता विभिन्न जरूरतमंदों को दी जा चुकी है।

पूर्व में भी मिले कई लाभार्थी

इससे पहले इस फंड से प्रेमनगर की एक दिव्यांग महिला को झुग्गी बस्ती में बालवाड़ी मरम्मत हेतु ₹1.3 लाख, ग्राम फनार की विधवा को बिजली बिल भुगतान हेतु ₹18,000, अनाथ अदिति के पिता के बैंक ऋण हेतु ₹50,000, स्वरोजगार के लिए शमीमा को ₹30,000 और बच्चों के लिए स्कूल वाहन हेतु सरस्वती शिशु मंदिर भोगपुर को ₹5,73,950 की सहायता दी जा चुकी है।

रायफल क्लब में आर्थिक सुधार हेतु निर्णय

वर्ष 1959 से संचालित रायफल क्लब में अब विभिन्न प्रकार के शस्त्र लाइसेंस ट्रांजेक्शन जैसे नवीनीकरण, सीमा विस्तार, विक्रय अनुमति आदि के लिए अनुदान शुल्क ₹2,500 से ₹25,000 तक निर्धारित किया गया है, जिससे क्लब की वित्तीय स्थिति और मजबूत हो सके।

डीएम बंसल की अध्यक्षता में 2015 के बाद पहली बार क्लब की बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें जनहित के दृष्टिगत फंड उपयोग और वृद्धि पर सहमति बनी।

अंत में जिलाधिकारी का संदेश:

“हम पूरी समस्या का समाधान तो नहीं कर सकते, लेकिन रायफल फंड के माध्यम से कुछ राहत देकर असहायों के जीवन में बदलाव जरूर ला सकते हैं। यह केवल मदद नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है,” – सविन बंसल, जिलाधिकारी

इस अवसर पर एसडीएम कुमकुम जोशी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कपिल कुमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।