यह कैसा न्याय बीपीएल परिवार को 16 रूपये प्रति यूनिट बिजली: नेगी

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते प्रदेश भर के उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। विभाग द्वारा बीपीएल परिवारों के विद्युत लोड बढ़ाने के नाम पर बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है। विभाग द्वारा बगैर भौतिक सत्यापन किए, जिस घर में एक दो बल्ब हैं, उनके लोड भी 1 किलोवाट से सीधे 3 किलो वाट कर दिए गए। जिससे फिक्स्ड चार्ज इतना बढ़ गया है कि बिल चुकाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। नेगी ने कहा कि विभागीय लापरवाही के चलते एक बीपीएल परिवार का 1 किलोवाट का संयोजन 3 किलोवाट कर दिया गया, जिसमें दो माह की यूनिट 40 खपत हुई ,जिसका बिल 644 विभाग द्वारा भेजा गया है। जिसमें 510 रुपए फिक्स्ड चार्ज के लगाए गए हैं। इस प्रकार लगभग 16 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से उक्त पीड़ित उपभोक्ता को पड़ी।

गरीबों पर पड़ रही मार

नेगी ने कहा कि विभाग को सुनिश्चित करना चाहिए कि एपीएल व बीपीएल परिवारों का जब भी विद्युत लोड बढ़ाएं, उसका भौतिक सत्यापन कर ही कार्रवाई करें, ऐसा न होने से गरीबों पर बहुत बड़ी मार पड़ रही है, जोकि बहुत बड़ी लूट है। इसके अतिरिक्त विभाग अगर किसी उपभोक्ता का विद्युत लोड बढ़ा रहा है, तो पूर्व में स्वीकृत लोड, उक्त लोड में से समायोजित न कर पूरे लोड का पैसा प्रति किलो वाट नए मानक के हिसाब से उपभोक्ताओं से वसूला रहा है। पूर्व में स्वीकृत लोड की धनराशि ही पुराने हिसाब से वापस कर रहा है। होना तो यह चाहिए था कि अगर किसी व्यक्ति का 1 किलोवाट का संयोजन है और उसका लोड 3 किलोवाट कर दिया गया है, तो उस उपभोक्ता से 2 किलो वाट का अतिरिक्त शुल्क ही लिया जाना चाहिए, लेकिन पूरे 3 किलोवाट का वर्तमान निर्धारित शुल्क लिया जा रहा है तथा पूर्व में स्वीकृत 1 किलो वाट का पैसा पुराने हिसाब से वापस किया जा रहा है। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद रहे।