उपनलकर्मियों के मामले में विधायकों मंत्रियों के मुंह में क्यों पड़े हैं ताले : मोर्चा

सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फाइल करने में सरकार को नहीं आई शर्म

सरकार को चिंता है सिर्फ विधायकों के सुख- सुविधाओं की

रोड़ा अटकाने में लुटाया जा रहा सरकारी खजाना

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उपनलकर्मियों के नियमितीकरण व अन्य लाभ प्रदान किए जाने विषयक मामले में मा. उच्चतम न्यायालय में सरकार द्वारा मा. उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ योजित एसएलपी दिनांक 15/10/ 24 को खारिज होने के उपरांत सरकार द्वारा रिव्यू पिटिशन दायर गई है, लेकिन प्रदेश के विधायकों/ मंत्रियों को थोड़ी भी शर्म नहीं आई कि इन अल्प वेतन भोगी कर्मियों के भविष्य का क्या होगा ! इनके परिवार का गुजर- बसर कैसे होगा ! सरकार तो वैसे भी विवेकहीन हो चुकी है | सरकार को सोचना चाहिए कि रिव्यू पिटीशन में बहुत लिमिटेड स्कोप होता है, इसलिए सरकारी वकीलों पर पैसा लूटाने के बजाय इन कर्मियों के हितों के बारे में सोचना चाहिए था | सरकार एक सुनवाई पर 20 लाख रुपये के हिसाब से सरकारी खजाना प्राइवेट वकीलों पर लूटा रही है | नेगी ने कहा कि सरकार को तुरंत बगैर लाग-लपेट के उपनलकर्मियों को नियमितीकरण का लाभ व अन्य सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए थी अथवा कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए था, जिससे इन कर्मियों को इनका हक मिल जाता | नेगी ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि जब कार्मिकों को कुछ देने की बात आती है तो सरकार वित्त का रोना रोती है, लेकिन वहीं दूसरी और विधायकों पर सब कुछ लुटाने के बाद भी सरकार वित्त का कहीं जिक्र तक नहीं करती | आखिर इतना अन्याय क्यों किया जा रहा है! नेगी ने कहा कि उपनल कर्मियों के मामले में मा.उच्च न्यायालय ने दिनांक 12/11/18 के द्वारा सरकार को इन कर्मियों के नियमितीकरण व अन्य लाभ प्रदान किए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन सरकार ने उक्त फैसले /आदेश के खिलाफ मा. सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी योजित की थी, जिस पर मा. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की एसएलपी खारिज कर दी | सरकार को मा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में इनको हक देना चाहिए था | नेगी ने कहा कि 10- 15 वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दे रहे उपनलकर्मी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, लेकिन सरकार इन पर रहम करने को तैयार नहीं | मोर्चा ने विधायकों/ मंत्रियों को आगाह किया कि अगर थोड़ी बहुत शर्म है तो मा. उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान कराने हेतु सरकार की आत्मा जागाने का काम करें| पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |