नगर निगम भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड पर क्यों नहीं कसा शिकंजा? जन संघर्ष मोर्चा ने उठाए गंभीर सवाल, सीबीआई जांच की मांग

नगर निगम भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड पर क्यों नहीं कसा शिकंजा? जन संघर्ष मोर्चा ने उठाए गंभीर सवाल, सीबीआई जांच की मांग

विकासनगर।
हरिद्वार नगर निगम भूमि घोटाले को लेकर जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आज प्रेस वार्ता में राज्य सरकार की मंशा और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विजिलेंस जांच की सिफारिश एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन असली मास्टरमाइंड — एक प्रभावशाली अधिकारी — आज भी जांच के दायरे से बाहर है।

नेगी ने आरोप लगाया कि पूरे घोटाले की पटकथा इसी मास्टरमाइंड के इशारे पर लिखी गई, लेकिन कार्रवाई सिर्फ निचले स्तर के अधिकारियों पर हुई। जबकि 30 बीघा भूमि को कूड़े के ढेर के रूप में दिखाकर रातोंरात लैंड यूज़ बदलने और सरकार को लगभग 40 करोड़ रुपये की क्षति पहुंचाने जैसे गंभीर कदम बिना उच्चस्तरीय मिलीभगत के मुमकिन नहीं।

उन्होंने कहा कि आईएएस रणवीर सिंह चौहान की जांच रिपोर्ट के आधार पर 12 अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है, लेकिन अभी तक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जो सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।

🔹 सीबीआई जांच की मांग

नेगी ने राजभवन से मांग की है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए, ताकि असली दोषी — घोटाले के मास्टरमाइंड — को सजा दिलाई जा सके। मोर्चा ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर निलंबित अधिकारी खुलकर इस अधिकारी का नाम सामने लाते हैं, तो मोर्चा न्यायालय की शरण लेने से भी पीछे नहीं हटेगा।

🔹 “जनहित नहीं, सिर्फ निजी हित देख रहे अधिकारी”

नेगी ने यह भी कहा कि आज अधिकारी वर्ग सिर्फ अपना हित साधने में लगा है, जनहित और जनभावनाओं की कोई चिंता नहीं है। भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देना लोकतंत्र और व्यवस्था दोनों के लिए खतरनाक है।

पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा एवं दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।

हाइलाइट्स:

#मास्टरमाइंड अब तक जांच के बाहर!

40 करोड़ की सरकारी क्षति, 30 बीघा जमीन पर बड़ा खेल!

12 अधिकारी निलंबित, पर मास्टरमाइंड अछूता!

#राजभवन से सीबीआई जांच और एफआईआर की मांग!

#जन संघर्ष मोर्चा देगा न्यायिक लड़ाई का भी साथ!