जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, गुजरात समेत 22 राज्यों में तेज बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। समूचे गुजरात और पश्चिम राजस्थान में कई इलाके जलमग्न हो गए हैं जबकि, गुजरात में सात लोगों की जान भी गई है और 15,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।
वहीं बारिश के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है। देवभूमि द्वारका, आणंद, वडोदरा, खेड़ा, मोरबी और राजकोट जिले में बचाव अभियान में सेना की एक-एक कॉलम तैनात की गई है। गुजरात में सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। पंचमहल, नवसारी, वलसाड, वडोदरा, भरूच, खेड़ा, गांधीनगर, बोटाद और अरावली जिलों में बांधों और नदियों का जलस्तर बढ़ने से छह हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।
राजस्थान के उत्तरी हिस्से में भी जमकर बारिश हो रही है। जयपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में को भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। जम्मू के राजोरी में बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई है। रामबन में बादल फटने के बाद लापता सात में से दो लोगों के शव मिले हैं।
त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति का आकलन करेगी केंद्रीय टीम
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया कि राज्य में बाढ़ से नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र एक टीम भेजेगा। राज्य में कुल 17 लाख लोग प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं और 1.37 लाख बेघर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि बाढ़ से नुकसान के वास्तविक आकलन के लिए वह जल्द ही एक केंद्रीय टीम भेजेंगे।