लंबी जिरह के बाद न्याय की जीत वरिष्ठ अधिवक्ता गुप्ता बंधुओं ने 304 के तीन आरोपियों को कराया बरी,

लंबी जिरह के बाद न्याय की जीत — वरिष्ठ अधिवक्ता गुप्ता बंधुओं ने 304 के तीन आरोपियों को कराया बरी,

खुश होकर परिवार ने किया फूलमालाओं से स्वागत

विकासनगर, देहरादून (उत्तराखंड बोल रहा है)। न्याय के मंदिर में शुक्रवार को एक अहम फैसला आया, जिसने साबित कर दिया कि सच्चाई चाहे देर से ही सही, जीतती जरूर है। वरिष्ठ अधिवक्ता भारत मूर्ति गुप्ता एवं सुरेश कुमार गुप्ता की दमदार पैरवी के चलते धारा 304, 504, 506 सहपठित धारा 34 आईपीसी के अंतर्गत आरोपित तीनों अभियुक्त — मासूम, शाहना और अरशद — को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विकासनगर की अदालत ने दोषमुक्त कर दिया।

यह मामला वर्ष 2018 के विवादित प्रकरण मु.अ.सं. 281/2018, उत्तराखंड राज्य बनाम मासूम से संबंधित था। वादिनी रोशनी ने आरोप लगाया था कि ग्राम ढकरानी में उसके पति शमशुद्दीन की ज़मीन और पानी के विवाद में हुई झड़प के दौरान अभियुक्तगण ने हमला किया और उसे ज़हर देने का प्रयास किया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी।

सरकारी पक्ष की ओर से कुल 10 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, किन्तु विस्तृत साक्ष्य परीक्षण एवं गहन जिरह के बाद न्यायालय ने पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे सिद्ध करने में असफल रहा। इस प्रकार, अदालत ने तीनों अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

अदालत में चली लंबी व विस्तृत बहस में गुप्ता बंधुओं ने तथ्यों, साक्ष्यों और कानूनी धाराओं का बारीकी से विश्लेषण करते हुए अभियुक्तों की निर्दोषता साबित की।

फैसले के बाद अभियुक्तों के परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई। परिजनों ने कोर्ट परिसर के बाहर वरिष्ठ अधिवक्ताओं भारत मूर्ति गुप्ता व सुरेश कुमार गुप्ता का फूलमालाओं से स्वागत किया और उन्हें “न्याय के सच्चे रक्षक” बताया।

⚖️ इस प्रकरण ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि सटीक साक्ष्य और प्रभावशाली पैरवी के बल पर न्याय की विजय निश्चित है।