नेताओं की करोड़ों की बोली! जिला पंचायत व ब्लॉक प्रमुख बनने के लिए उड़ा रहे बेहिसाब पैसा – जन संघर्ष मोर्चा ने की आयकर विभाग से जांच की मांग”

नेताओं की करोड़ों की बोली! जिला पंचायत व ब्लॉक प्रमुख बनने के लिए उड़ा रहे बेहिसाब पैसा – जन संघर्ष मोर्चा ने की आयकर विभाग से जांच की मांग”

विकासनगर।
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने रविवार को पत्रकार वार्ता में एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनने के लिए करोड़ों रुपये की अवैध लेन-देन हो रही है। उन्होंने कहा कि इन पदों पर बैठने के लिए प्रत्याशी 10 से 20 करोड़ तक जिला पंचायत अध्यक्ष बनने में खर्च कर रहे हैं, जबकि ब्लॉक प्रमुख बनने में 5 से 7 करोड़ तक की मोटी रकम खर्च की जा रही है।

नेगी ने सवाल उठाया कि आखिर इन नेताओं के पास इतना पैसा कहां से आ रहा है? क्या आयकर विभाग सिर्फ व्यापारियों और उद्योगपतियों तक ही सीमित रहेगा? उन्होंने कहा कि इन भ्रष्ट नेताओं पर भी निगरानी और कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि यह लोकतंत्र की जड़ों को खोखला कर रहे हैं।

“जनता को लूटकर बनाई जा रही दौलत”
नेगी ने कहा कि इतना बड़ा धनबल सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि जीतने के बाद विकास योजनाओं में लूट-खसोट का सिलसिला शुरू हो जाता है। कई जगहों पर विकास कार्यों का पैसा आहरित होने के बाद भी ज़मीन पर कार्य नहीं दिखता – यानी पूरा सिस्टम सिर्फ कागजों तक सिमटकर रह गया है।

निवर्तमान पदाधिकारियों की जांच की मांग
उन्होंने मांग की कि निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों के कार्यकाल की भी सीबीआई या आयकर विभाग से जांच कराई जाए। इससे करोड़ों की योजनाओं में हुए कथित घोटालों का पर्दाफाश हो सकेगा।

“चुनाव में पैसा, फिर वसूली का खेल”
नेगी ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च कर पद हासिल करने वाले नेता बाद में उसी रकम की भरपाई के लिए वसूली अभियान में जुट जाते हैं। ऐसे में विकास कार्य ठप हो जाते हैं और योजनाएं फाइलों में दबी रह जाती हैं।

सरकार और आयकर विभाग से दोहरी अपील
जन संघर्ष मोर्चा ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए ऐसे भ्रष्ट नेताओं पर शिकंजा कसा जाए और आयकर विभाग को निर्देशित किया जाए कि वह चुनावों से पहले ही संभावित प्रत्याशियों की वित्तीय जांच शुरू करे।

पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह और प्रमोद शर्मा भी मौजूद रहे।