संस्कार और राष्ट्रभक्ति की ओर कदम बढ़ाते नन्हें कदम – विकास नगर आर्य समाज में संस्कारशाला जारी
विकास नगर स्थित आर्य समाज मंदिर में 2 जून से 8 जून तक चल रही “चरित्र निर्माण एवं उत्तम संस्कार कार्यशाला” (संस्कारशाला) में बच्चों को नैतिक मूल्यों, राष्ट्रभक्ति और प्रकृति संरक्षण की शिक्षा दी जा रही है। संस्कारशाला का उद्देश्य बच्चों को खेल-खेल में जीवन के उच्च आदर्शों की ओर अग्रसर करना है।
कार्यशाला के तीसरे दिन विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बच्चों ने गुड़हल, कनेर एवं अन्य फूलों के पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। बच्चों को “स्वच्छ प्रकृति – स्वच्छ जीवन” का महत्व बताया गया और प्लास्टिक मुक्त जीवन अपनाने के सरल उपाय सिखाए गए।
राष्ट्रध्वज तिरंगे का महत्व समझाया
आरुष कन्नौजिया ने बच्चों को राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों – केसरिया, सफेद और हरे रंग – का प्रतीकात्मक महत्व समझाते हुए राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा दी।
स्वास्थ्य, व्यायाम और कला का समावेश
संस्कारशाला में स्वास्थ्य एवं व्यायाम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुमारी दिव्या ने बच्चों को ज़ुम्बा डांस के माध्यम से फिट रहने की प्रेरणा दी, वहीं श्रीमती कामाक्षी ने बच्चों को कला के सरल टिप्स देकर उनकी रचनात्मकता को निखारा।
प्रशिक्षक के रूप में श्रीमती सोनिका वालिया (उप प्रधान), सुषमा तोमर, मेघा बहल, रेणु रानी और आरती बंसल बच्चों को मार्गदर्शन दे रही हैं।

वैदिक संस्कृति की ओर रुझान
आर्य समाज के पुरोहित पं. चंदन शास्त्री ने बच्चों से ईश्वर-स्तुति मंत्रों का पाठ कराया। नंदिनी गुप्ता ने वैदिक सत्य सनातन धर्म की महत्ता को सरल शब्दों में समझाया तथा यज्ञ को जीवन का अभिन्न अंग बनाने की प्रेरणा दी।
उन्होंने बच्चों को सुझाव दिया कि वे जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ जैसे शुभ अवसरों पर यज्ञ करें और पौधारोपण कर प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य को निभाएं।

संस्कारशाला में बच्चे बड़े उत्साह और ऊर्जा के साथ भाग ले रहे हैं। स्कूल के भारी बस्ते से दूर यह कार्यशाला उन्हें संस्कारों, स्वास्थ्य और सृजनात्मकता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर दे रही है।
यह जानकारी आर्य समाज की उप प्रधान सोनिका वालिया ने दी।