649 छात्रों को स्नातक एवं परास्नातक तथा 14 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधियाँ प्रदान की गईं
इक्फ़ाई विवि में ग्यारहवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मेधावी छात्रों को मैडल एवं डिग्रियां प्रदान की गई। विवि में इस वर्ष मैनेजमेंट, तकनीकि, कानून एवं बीएड में पढ़ाई पूरी कर चुके कुल 649 छात्रों को स्नातक एवं परास्नातक तथा 14 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधियाँ प्रदान की गईं।
दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ उदय बी.देसाई ने दस छात्रों को गोल्ड मेडल तथा दस छात्रों को सिल्वर एवं ब्रॉन्ज़ मैडल से सम्मानित किया । विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट विभाग में कुल 144, विधि विभाग में 405, इंजीनियरिंग विभाग में 43 एवं बीएड विभाग में कुल 71 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं. उपाधियाँ वितरित करने के पश्चात् डॉ देसाई ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्हें उज्वल भविष्य के लिए बधाई दी। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें टेक्नोलॉजी के दौर में अपना भविष्य निर्मित करने का अवसर मिला है आज टेक्नोलॉजी ने संभावनाओं के अनगिनत द्वार खोले हैं और आप युवा ही इस देश को विकास की नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेंगे।
अपने सम्बोधन के जरिये डॉ देसाई ने छात्रों को काफी प्रोत्साहित किया और उन्हें समाज के गरीबों एवं वंचितों को साथ लेकर चलने का सन्देश भी दिया। इसी के साथ उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक रूप से पूरी उम्र छात्र रहकर सीखते रहना चाहिए. डॉ देसाई ने महात्मा गाँधी को उद्धरित करते हुए छात्रों से कहा कि उन्हें अपने करियर में नैतिकता का हमेशा पालन करना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए सिर्फ साध्य ही नहीं बल्कि साधन भी नैतिक हों.
कुलाधिपति ने कहा कि छात्रों के लिए डिग्री प्राप्त करने के बाद बाहरी दुनियाँ इन्तजार कर रही है जोकि पूरी तरीके से प्रतियोगिता पर आधारित है और छात्रों को जीवन में सफल होने के लिए साहसिक होना आवश्यक है। कुलाधिपति डॉ देसाई ने डिग्री पूरी कर व्यावसायिक दुनियाँ में प्रवेश कर रहे छात्रों को पर्यावरण के प्रति सचेत रहने का भी आवाहन किया एवं कुलाधिपति ने छात्रों को स्वच्छ पर्यावरण में अपना योगदान देने का भी आवाहन किया.
दरसल दीक्षांत समारोह की शुरुआत विवि के कुलपति डॉ राम करन सिंह के सम्बोधन के साथ हुई जिसमें उन्होंने उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री के प्रति आभार जताया और छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें दी। उन्होंने राज्य स्थापना दिवस की बधाई भी प्रेषित की. डॉ. राम करण सिंह ने अपने सम्बोधन में इक्फ़ाई विवि द्वारा शिक्षा, शोध एवं सामाजिक क्षेत्र में किये गए कार्यों के बारे जानकरी दी। डॉ सिंह ने बताया कि इक्फ़ाई विवि के द्वारा उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत पांच गाँव को गोद लिया गया है इसके अतिरिक्त उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा नवोन्मेष की दिशा में अर्जित किये जा चुके 35 से अधिक पेटेंट एवं कॉपीराईट का भी जिक्र किया. कुलपति डॉ सिंह ने संबोधन के अंत में एक संस्कृत के श्लोक “विद्या ददाति विनयम” का भी जिक्र किया और छात्रों से कहा कि विनम्रता वह उपहार जो शिक्षा ने आपको दिया है जिसे छात्रों को अपने आचरण में लाना चाहिए.
समारोह के अंत में विवि के रजिस्ट्रार डॉ रमेश चंद्र रमोला ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित कर माननीय कुलाधिपति एवं कुलपति महोदय के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ रमोला ने कहा कि विश्वविद्यालय के सैंकड़ों छात्र दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने के क्षण को पूरी उम्र याद रखेंगे एवं गौरान्वित महसूस करेंगे। उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों, उनके अभिभावकों एवं समारोह में मौजूद अतिथिगण सहित पत्रकारों का भी आभार जताया. दीक्षांत समारोह में इक्फ़ाई विवि के विभिन्न विभागों के डायरेक्टर, डीन, प्रोफेसर सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र मौजूद रहे।